असंतोषजनक कामकाज के चलते देश की दूसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इंफोसिस टेकनोलॉजी के करीब 5 फीसदी कर्मचारियों पर छंटनी की तलवार लटक रही है।
कंपनी के मुताबिक, उसके करीब 5,000 वरिष्ठ प्रबंधकों (प्रोजेक्ट प्रबंधक, वरिष्ठ और समूह प्रबंधक, डिलीवरी प्रबंधक आदि) का प्रदर्शन निचले स्तर का रहा है। उल्लेखनीय है कि इन्फोसिस के पास दुनिया भर में कुल 1 लाख कर्मचारी हैं और कंपनी ने इनमें से 5,000 कर्मचारियों का प्रदर्शन असंतोषजनक पाया है।
कंपनी के समेकित सापेक्षिक क्रम (सीआरआर) के 1 से 4 के पैमाने पर इन कर्मचारियों का प्रदर्शन सबसे निचले स्तर का रहा है और उन्हें 4 की रेटिंग दी गई है। इसे देखते हुए इनके क्रियाकलाप की समीक्षा कर रही है।
कंपनी कर्मचारियों के सीआरआर का निर्धारण साल में दो बार मिलने वाले अप्रेजल के आधार पर तय करती है। कंपनी में हालांकि रैंकिंग का निर्धारण कोई नई बात नहीं है, लेकिन अब इसे अनिवार्य बना दिया गया है।
नाम न बताने की शर्त पर इन्फोसिस के एक वरिष्ठ प्रोजेक्ट प्रबंधक ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘इस संबंध में की गई सिफारिशें इसी महीने जमा कर दी गई हैं।’ कंपनी की उपाध्यक्ष और समूह की एचआर प्रमुख नंदिता गुर्जर ने बताया, ‘कंपनी की नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। हां, सीआरआर की रैकिंग में 4 नंबर पाने वाले कर्मचारियों की संख्या हर साल जरूर बदल रही है।’
कंपनी इन 5 फीसदी कर्मचारियों के लिए एक सुधार कार्यक्रम चलाएगी। इनके भविष्य का फैसला इस कार्यक्रम के बाद ही किया जाएगा।
कंपनी के मुताबिक, जिन कर्मचारियों का प्रदर्शन इसके बाद भी नहीं सुधरा तो उनकी छंटनी होनी तय है। सुधार कार्यक्रम से गुजरने के दौरान संबंधित कर्मचारियों को कोई भी महत्वपूर्ण दायित्व नहीं दिया जाएगा।