नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 26 नवंबर को एयर इंडिया की न्यूयॉर्क-दिल्ली उड़ान में वेल्स फारगो के पूर्व उपाध्यक्ष शंकर मिश्रा द्वारा एक महिला सह-यात्री पर पेशाब किए जाने की घटना को सही तरीके से नहीं संभालने और नियमों का उल्लंघन करने के लिए विमानन कंपनी पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
डीजीसीए के एक अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि नियमों का उल्लंघन करने के लिए विमानन कंपनी पर लगाया गया यह अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना है।
विमानन नियामक ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि उसने उड़ान (एआई-102) के पायलट-इन-कमांड को तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया है। साथ ही कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफलता के लिए विमानन कंपनी की निदेशक (इन-फ्लाइट सर्विसेज) पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कैबिन क्रू के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई क्योंकि उनकी ओर से कोई खामी नहीं थी।
बयान में कहा गया है, ‘डीजीसीए नागर विमानन आवश्यकता (नियमों) के उल्लंघन के लिए एयर इंडिया पर 30 लाख रुपये का वित्तीय जुर्माना लगाया गया है।’
डीजीसीए ने 5 जनवरी को विमानन कंपनी के इन-फ्लाइट सेवाओं के निदेशक, जवाबदेह प्रबंधक, पायलट और उड़ान के कैबिन क्रू सदस्यों को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने के बाद शुक्रवार को यह कार्रवाई की।
विमानन कंपनी ने इस घटना के बारे में विमानन नियामक को 4 जनवरी तक सूचित नहीं किया था। डीजीसीए ने अपने नोटिस में विमानन कंपनी को उसके गैर-पेशेवर नजरिये के लिए फटकार लगाई। डीजीसीए ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि विमानन कंपनी ने लागू नियमों में वर्णित नियामकीय दायित्वों को नजरअंदाज किया है।
डीजीसीए की कार्रवाई पर एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, ‘हमें डीजीसीए के आज का आदेश मिला है और हम उसका अध्ययन कर रहे हैं। हम अपनी कमियों को सम्मानपूर्वक स्वीकार करते हैं और उनका समाधान सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त कदम उठा रहे हैं।’
प्रवक्ता ने कहा कि विमानन कंपनी यात्रियों के अनियंत्रित व्यवहार से संबंधित घटनाओं से निपटने के लिए अपने कर्मचारियों में जागरूकता बढ़ाने और नीतियों के अनुपालन को मजबूत कर रही है। उन्होंने कहा, ‘एयर इंडिया अपने यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।’
एयर इंडिया ने गुरुवार को मिश्रा पर चार महीने का प्रतिबंध लगा दिया। उन पर एक सह-यात्री पर पेशाब करने का आरोप है। हालांकि मिश्रा ने इन आरोपों से इनकार किया है।
यह प्रतिबंध तीन सदस्यीय आंतरिक समिति के एक निर्णय के बाद लगाया गया। समिति ने अपनी सिफारिश में कहर कि मिश्रा के अनियंत्रित व्यवहार के खिलाफ कार्रवाई करने की आवश्यकता है। मिश्रा फिलहाल जेल में हैं और उनके मामले की सुनवाई दिल्ली उच्च न्यायालय में चल रही है।
डीजीसीए ने 9 जनवरी को पेशाब करने की दूसरी घटना के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था। यह घटना 6 दिसंबर को एयर इंडिया की पेरिस-दिल्ली उड़ान में हुई थी जब एक पुरुष यात्री ने एक खाली सीट पर और एक महिला सह-यात्री के कंबल पर पेशाब कर दिया था। पेशाब करने की दूसरी घटना के संबंध में विमानन नियामक ने एयर इंडिया के खिलाफ फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की है।