नकदी के संकट से जूझ रही सरकारी कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के लिए केंद्र सरकार के पुनरुद्धार पैकेज को एक साल से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन कंपनी को अभी 4जी सेवा शुरू करना बाकी है। वहीं सरकार की ओर से नियुक्त एक समिति ने टेलीकॉम फर्म को निर्देश दिया है कि वह 2जी सेवा बंद करे, जिसकी वजह से कंपनी को एक और चुनौती से जूझना पड़ रहा है।
जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा गठित तकनीकी समिति ने सुझाव दिया है कि बीएसएनएल अपनी 2जी सेवाएं बंद करे। इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘समिति के ज्यादातर सदस्यों ने सिफारिश की है कि बीएसएनएल 2जी सेवाएं बंद करे।’
इस सुझाव का कंपनी विरोध कर रही है क्योंकि बीएसएनएल के कुल मोबाइल राजस्व में 60 प्रतिशत से ज्यादा 2जी सेवाओं से आता है। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार की समिति ने भारत की टेलीकॉम फर्मों को समर्थन देने के लिए सिर्फ 4जी सेवा के उपयोग पर जोर दिया है।
रिलायंस जियो के पास शुरुआत से ही 2जी सेवा नहीं है, वहीं भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने 2जी स्पेक्ट्रम के बेहतर इस्तेमाल की कवायद शुरू कर दी है। सूत्रों ने कहा कि समिति सिर्फ बीटीएल (बेस ट्रांसिवर स्टेशन) के उन्नयन पर सहमत है, जो मोबाइल उपकरण को नेटवर्क से जोड़ता है।
कंपनी ने तर्क दिया है कि 4जी सक्षम बीटीएस में 60 प्रतिशत से ज्यादा आपूर्ति जेडटीई से की जाती है, जिसके लिए समिति ने अनुमति नहीं दी है। इसने यह भी कहा है कि निम्न आय वर्ग के ज्यादातर ग्राहकों के पास स्मार्ट फोन नहीं हैं और ऐसे में 2जी सेवा पूरी तरह से बंद करके 4जी में प्रवेश करने से इस वर्ग के लोग पूरी तरह से सेवा के दायरे से बाहर हो जाएंगे।
दूरसंचार विभाग (डीओटी) को भेजी अपनी प्रतिक्रिया में कंपनी ने कहा है कि घरेलू गियर विनिर्माताओं के पास बीएसएनएल को जरूरी उपकरण की आपूर्ति के लिए तकनीक नहीं है। उपरोक्त उल्लिखित अधिकारी ने कहा, ‘अगर समिति के सुझाव को माना जाता है तो कंपनी को प्रमुख और अन्य उपकरणों के लिए अलग वेंडर रखने होंगे, जिसकी वजह से बीएसएनएल का खर्च और बढ़ जाएगा।’
डीओटी के कुछ अधिकारियों ने नाम का उल्लेख न करने के अनुरोध पर कहा कि 2जी सेवाएं लंबित कर कंपनी पुराने व प्रचलन से बाहर हो चुकी तकनीक पर आने वाले बिजली व रखरखाव के खर्च को बचा सकती है। अधिकारी ने कहा, ‘अगर 2जी बीटीएस बंद कर दिया जाता है तो बिजली का बिल दो तिहाई कम हो सकता है।’
सरकारी कंपनी को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है, जिसे अभी पुनरुद्धार की राह पर चलना है। इसमें रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया (वीआई) जैसी कंपनियों से प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए 4जी सेवाएं शुरू करना शामिल है। कंपनी ने मौजूदा बुनियादी ढांचे और बीटीएस के इस्तेमाल से 4जी सेवाएं शुरू करने की अनुमति मांगी है, जिसमें 49,000 4जी सक्षम बीटीएस का उनन्नयन शामिल है, जिसे कंपनी ने पहले ही खरीद लिया है। समिति ने इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
बीएसएनएल अब दिल्ली और मुंबई में 1 जनवरी से महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड की सेवाएं भी अपने हाथ में लेने की तैयारी कर रही है। कंपनी सबसे पहले एमटीएनएल के ग्राहकों को मोबाइल सेवाएं मुहैया कराना शुरू करेगी और उसके बाद धीरे धीरे कंपनी की लैंडलाइन सेवाएं अपने हाथ में लेगी। उम्मीद की जा रही है कि दिल्ली और मुंबई में एमटीएनएल का परिचालन अपने हाथ लेने के 4-5 महीने बाद वह प्रायोगिक तौर पर अपनी 4जी सेवाएं भी शुरू कर देगी।
