बीते दिनों टमाटर की आसमान छूती कीमतों ने रसोई का बजट बिगाड़ा था, अबप इस बार हल्दी के दाम आसमान छूने को तैयार हैं। पिछले तीन महीनों के दौरान हल्दी के भाव में करीब दोगुने का इजाफा हुआ है। व्यापारियों की मानें तो अप्रैल-मई महीना कटाई का महीना है और इस दौरान बेमौसम बारिश के कारण उत्पादन पर खराब असर पड़ा है। साथ ही मानसून के देर से आने के कारण बुआई में देरी के कारण कीमतों में तेज वृद्धि हुई है।
कितने बढ़े दाम
हल्दी के दामों की बात करें तो महाराष्ट्र, तेलंगाना और तमिलनाडु में मंडी में मौजूदा कीमतें लगभग 14,000 रुपये प्रति क्विंटल हैं, जो अप्रैल मे 7000 रुपये प्रति क्विटल थीं। शुक्रवार को कमोडिटी एक्सचेंज NCDEX पर हल्दी की हाजिर कीमतें 12,904 रुपये प्रति क्विटल बोली गईं, जबकि 20 दिसंबर, 2023 डिलीवरी के लिए वायदा कीमतें बढ़कर 16,082 रुपयें प्रति टन हो गईं।
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सूत्रों की मानें तो व्यापारियों के साथ-साथ किसान भी भविष्य में ऊंची कीमतों की उम्मीद में कुछ स्टॉक अपने पास रखे हुए हैं। व्यापारियों का अनुमान है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष लगभग 10-15% कम उत्पादन होगा। भारतीय मसाला बोर्ड ने फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) में हल्दी उत्पादन 1.16 मिलियन टन (एमटी) होने का अनुमान लगाया है, जो 2021-2022 में 1.22 मीट्रिक टन से 5% की गिरावट दर्ज करता है। बोर्ड ने चालू वर्ष में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में हल्दी के बुवाई क्षेत्र में 10- 20% की गिरावट का अनुमान लगाया है।
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