सीमेंट निर्यात पर लगी पाबंदी में सरकार ने दी और ढील

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 08, 2022 | 10:41 AM IST

रियल एस्टेट सेक्टर में सीमेंट की घटती मांग को देखते हुए सरकार ने आखिरकार सीमेंट के निर्यात पर लगी पाबंदी में ढील देने का फैसला कर ही लिया।


इस साल 11 अप्रैल को सरकार ने बढ़ती महंगाई दर को काबू में करने की गरज से सीमेंट निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी। पिछले शुक्रवार को सरकार ने इस पाबंदी में ढील देने का फैसला किया।

सीमेंट उद्योग का कहना है कि सरकार के इस कदम का कोई बड़ा असर नहीं पड़ने वाला क्योंकि सरकार ने 27 मई को गुजरात बंदरगाह से सीमेंट निर्यात की अनुमति दे दी थी, यानी पाबंदी में ढील पहले ही दे दिया था।

इसके अलावा सरकार ने उसी महीने नेपाल को भवन निर्माण सामग्री के निर्यात की अनुमति भी दे दी थी। गौरतलब है कि नेपाल इन चीजों की सप्लाई के लिए भारत पर आश्रित है।अंबुजा सीमेंट के प्रबंध निदेशक ए. एल. कपूर ने कहा कि सीमेंट निर्यात का 85 फीसदी हिस्सा गुजरात राज्य में स्थित कंपनियां करती हैं।

बाकी माल नेपाल को जाता है, जो कि उत्तर भारत (मुख्यत: उत्तर प्रदेश) में स्थित कंपनियां भेजती हैं। इसलिए सरकार के हालिया कदम का बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ने वाला। उन्होंने कहा कि अलबत्ता इस कदम से बांग्लादेश जैसे देशों को होने वाले निर्यात में बढ़ोतरी हो सकती है।

उन्होंने कहा कि निर्यात पर लगी पाबंदी में ढील वैसे समय दी जा रही है जब रियल एस्टेट सेक्टर और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में सीमेंट की मांग में कमी के चलते इसकी कीमत देश के अलग-अलग इलाकों में 195-250 रुपये प्रति बैग (50 किलो) है।

सीमेंट निर्यात पर पाबंदी इसलिए लगाई गई थी क्योंकि 5 जनवरी को समाप्त सप्ताह में 4.26 फीसदी पर रही महंगाई की दर 5 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में 7.71 फीसदी पर पहुंच गई थी।

उस समय पाबंदी इसलिए लगाई गई थी ताकि घरेलू बाजार में कंस्ट्रक्शन में इस्तेमाल होने वाला मैटीरियल प्रचूर मात्रा में उपलब्ध हो सके और इससे कीमत में भी लगाम लग सके।

लेकिन अब आर्थिक विकास दर में कमी आई है, कंस्ट्रक्शन मैटीरियल की मांग में भी कमी आई है और इस वजह से कंपनियां अपनी पूरी क्षमता से उत्पादन नहीं कर रही हैं।

सीमेंट कंपनियों ने अप्रैल से नवंबर के बीच अपनी उत्पादन क्षमता का 85 फीसदी ही इस्तेमाल किया जबकि एक साल पहले इस अवधि में कंपनियों ने 93 फीसदी उत्पादन क्षमता का इस्तेमाल किया था।

अप्रैल महीने से दिसंबर के पहले हफ्ते तक पश्चिमी, पूर्वी और उत्तरी भारत के बाजार में सीमेंट की कीमत में प्रति बैग 10-12 रुपये की कमी आई है। जब सरकार ने 7 दिसंबर को उत्पाद शुल्क में 4 फीसदी की कटौती की तो सीमेंट कंपनियों ने कीमत में प्रति बैग 5 से 9 रुपये की कटौती की थी।

अप्रैल से नवंबर के बीच कुल 17.9 लाख टन सीमेंट का निर्यात हुआ और इस तरह एक साल पहले हुए 25.4 लाख टन सीमेंट निर्यात के मुकाबले इसमें 29.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। अप्रैल-नवंबर केदौरान सीमेंट के उत्पादन में एक साल पहले के मुकाबले 6.63 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

इस दौरान 11.538 लाख टन सीमेंट का उत्पादन हुआ जबकि एक साल पहले इस अवधि में 10.820 लाख टन सीमेंट का उत्पादन हुआ था।

First Published : December 21, 2008 | 11:42 PM IST