ताजनगरी से आलू निर्यात का सपना हुआ पूरा

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 6:44 AM IST

पिछले कई वर्षों से आगरा के आलू को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने की कोशिश अब रंग लाती दिखाई दे रही है। हाल ही में सिंगापुर के एक आयातक ने 500 मिट्रिक टन आलू के आयात का ऑर्डर दिया है।


सेंट्रल पोटैटो रिसर्च इंस्टीटयूट (सीपीआरआई)शिमला द्वारा इस सप्ताह की शुरुआत में आगरा के फतेहाबाद इलाके से 15 मिट्रिक टन आलू की पहली खेप रेफ्रिजरेटेड कंटेनर में भेजी जा चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि यह कंटेनर मुंबई से सिंगापुर 25 जून को पहुंच जाएगा। ऑर्डर के शेष हिस्से को तीन महीने के भीतर भेज दिया जाएगा।

सीपीआरआई के निदेशक डॉ सुरजीत सिंह के अनुसार चीन के ‘हॉलैंड’ किस्म की तुलना में आगरा के आलू, खास तौर से सिंगापुर स्थित आयातक मोहम्मद मुस्तफा ऐंड समसुद्दीन कंपनी पीटीई लिमिटेड को भेजे गए कुफरी सुतलेज और कुफरी बहार के नमूने, उच्च गुणवत्ता वाले पाए गए। इसके बाद कंपनी ने फतेहाबाद स्थित एग्रीटेक इंटरनेशनल निर्यातक कंपनी को 500 टन आलू के निर्यात का ऑर्डर दिया।

एग्रीटेक इंटरनेशनल का परिचालन स्थानीय किसान नेमिचंद्र जदायूं करते हैं। उन्होंने कहा कि सिंगापुर भेजे गए आलू के गुणवत्ता की जांच सीपीआरआई द्वारा की गई थी और उसे आयातक के मानदंडों के अनुकूल पाया गया। सीपीआरआई द्वारा दिए गए आलू के स्वास्थ्य संबंधी प्रमाण पत्र को भी पहली खेप के साथ भेजा गया है।

आलू को सब्जी से खाद्य वर्ग में लाने की सरकार के नजरिये पर सिंह ने कहा इससे आगरा के गांवों में आलू प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने में सुविधा होगी। दूसरी तरफ सीपीआरआई जल्द तैयार होने वाले आलू की ऐसी किस्म विकसित करने में जुटी हुई है जिसे किसी भी सीजन में उगाया जा सकता है। ‘अंतरराष्ट्रीय आलू वर्ष’ के दौरान आलू की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार ने आलू के निर्यात की संभावनाओं पर दिल्ली में एक अंतरराष्ट्रीय कंफ्रेंस आयोजित किया था।

आगरा जिला के बागवानी अधिकारी सुभाष चंद्र ने कहा कि आलू को मुंबई तक भेजने के खर्च के 40 प्रतिशत का वहन बागवानी विभाग करता है और शेष खर्च का वहन निर्यातक करते हैं। उन्होंने कहा कि आगरा में आलू की फसल का क्षेत्र इस वर्ष 28,000 हेक्टेयर से बढ़ कर 34,400 हेक्टेयर हो गई है। क्रेद्र सरकार राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत प्रति हेक्टेयर आलू के बीज की खेती के लिए 25,000 रुपये का अनुदान दे रही है।

First Published : June 20, 2008 | 11:53 PM IST