छोटे सिक्के का वायदा, मुनाफे का सौदा

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 4:01 AM IST

देश के सबसे बड़े कमोडिटी एक्सचेंज मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया में सोने के सिक्के का कारोबार खुदरा निवेशकों के लिए सबसे आकर्षक निवेश के रूप में उभर रहा है।


31 जुलाई को पूरा होने वाले सौदे में तो महज दो हफ्ते में ही रेकॉर्ड 170 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। इससे जाहिर होता है कि देश के छोटे निवेशक भविष्य की अपनी जरूरतों के लिए निवेश और बचत करने के लिए बहुत ही ज्यादा सतर्क हैं खासकर वैसे उत्पाद जिसे कभी भी बेचा जा सकता है।

फिलहाल सोने के छोटे सिक्के को जुलाई और अगस्त में डिलिवर होने वाले सौदे के लिए खोला गया है। जुलाई सौदे के लिए 8 ग्राम के सोने के एक सिक्के का भाव जहां 23 मई को 3,078 रुपये था वहीं 4 जून को यह 8,304 रुपये तक पहुंच गया। 10 हजार रुपये प्रतिमाह की बचत करने वाला कोई छोटा निवेशक भी सोने का एक-एक सिक्का जमा करते हुए साल के अंत तक 1 लाख रुपये तक पहुंच सकता है।

ऐंजल ब्रोकिंग के कमोडिटी प्रमुख नवीन माथुर ने बताया कि इससे जाहिर होता है कि खुदरा निवेशक कॉमैक्स में लंबे समय तक खेलने को तैयार हैं या वे वैसी  डिलिवरी पर जोर दे रहे हैं जिसकी अवधि पूरी हो चुकी है। यह छोटे मुनाफे का सौदा साबित होगा और कारोबारी वैसे सौदे को प्राथमिकता दे सकते हैं जो उन्हें अहसास कराए कि वे सोने के मालिक हैं।

पर सबसे महत्वपूर्ण जो चीज है वह यह कि जिन सिक्कों का कारोबार एक्सचेंज के द्वारा होता है उसके खरे होने की गारंटी होती है। इसलिए कारोबारी को इस बात की निश्चिंतता होती है कि वे जिस चीज का सौदा कर रहे हैं वह खरा है। शेयर खान में कमोडिटी सेल्स के वरिष्ठ प्रबंधक जिगर पंडित ने कहा कि एमसीएक्स में होने वाला सोने के सिक्के का कारोबार खुदरा कारोबारियों के लिए तीन वजहों से आकर्षक हो सकता है।

पहला कीमत में पारदर्शिता, दूसरा इसे लंबे समय तक अपने पास रखने के लिए बहुत ज्यादा क्षमता का होना जरूरी नहीं है और तीसरा कि इसे किसी भी समय बेचने पर इससे मुनाफे की पूरी गुंजाइश होती है। अपने प्लेटफॉर्म के जरिए 5 से 10 करोड़ रुपये प्रतिदिन की होने वाली डिलिवरी पर एमसीएक्स ने 31 दिसंबर तक भंडारण शुल्क से पूरी तरह राहत दे दी है।

अक्षय तृतीया जैसे पवित्र मौके पर सोने के सिक्के का सौदा खुदरा निवेशकों के लिए सबसे महत्वपूर्ण हो जाता है। इस तरह का सौदा बिल्कुल ही सामान्य होता है जिसमें कारोबारी को मुश्किल से 4 से 5 फीसदी अग्रिम भुगतान के रूप में देना होता है।

First Published : June 6, 2008 | 12:07 AM IST