चाय नीलामी में पारदर्शिता के लिए तैयार होगी रिपोर्ट

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 10, 2022 | 12:16 AM IST

देश के सबसे पुराने नीलामी केंद्र कैरिट मोरेन के भुगतान करने में असफल रहने की घटना के बाद नीलामी प्रक्रिया और पूंजी पर्याप्तता में ज्यादा पारदर्शिता लाने के लिए टी बोर्ड ऑफ इंडिया ने ए. एफ. फर्ग्यूसन को अपना सलाहकार नियुक्त किया है।
टी बोर्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बासुदेब बनर्जी का कहना है कि फ र्ग्यूसन को आधिकारिक तौर पर पूंजी पर्याप्तता, मार्जिन मनी और संभावित सेटलमेंट गारंटी फंड (एसजीएफ)का अध्ययन करने के लिए नियुक्त किया गया है। यह रिपोर्ट अगले छह हफ्ते में पेश कर दिया जाएगा। फर्ग्यूसन ने इससे पहले भी वर्ष 2001 में नीलामी प्रक्रिया का अध्ययन किया है जो नीलामी में चाय की कीमतों को लेकर थी।
स्टॉक और कमोडिटी एक्सचेंज के पास एसजीएफ होता है और हर क्लियरिंग सदस्यों को योगदान देना और डिपॉजिट मुहैया कराना होता है। इसे समय-समय पर प्राधिकारी तय करते रहते हैं। एसजीएफ का इस्तेमाल किसी भी तरह की कमी या गिरावट की आशंका के मद्देनजर क्लियरेंस और सेटलमेंट के लिए किया जाता है।
टी बोर्ड ने यह सलाह दिया है कि नीलामी केंद्र को सेटलमेंट बैंकिं ग प्रणाली को अपनाना चाहिए। कैरिट मोरेन की असफलता में ब्रोकरों की जबरदस्त भूमिका थी। हालांकि भुगतान एक हफ्ते में किया जाएगा और उसमें सेटलमेंट बैंकिंग प्रणाली का संशोधित रूप ही लागू किया जाएगा।
सीटीटीए के चेयरमैन गोपाल पोद्दार ने कहा कि सेटलमेंट बैंकिंग सिस्टम 17 फरवरी से प्रभावी होगा।  इंडियन टी एसोसिएशन के चेयरमैन आदित्य खेतान ने कहा कि यह बेहतर होगा कि बैंकों में सीधे पैसा जाए और वहीं से व्यवस्था के मुताबिक निकासी और जमा हो।

First Published : February 6, 2009 | 10:19 PM IST