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निर्यात वाले कपास सौदों का पंजीकरण हुआ अनिवार्य

Last Updated- December 07, 2022 | 1:02 PM IST

कपास के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में कदम उठाते हुए सरकार ने विदेशों को भेजे जाने वाले अनुबंध का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है।


सरकारी निर्देश के मुताबिक, मुंबई में कपड़ा आयुक्त के समक्ष ऐसे सौदों का पंजीकरण कराना होगा। विदेशी व्यापार के महानिदेशक ने कस्टम विभाग को निर्देश दिया है कि जब तक कपड़े के निर्यात सौदों को कपड़ा आयुक्त से प्रमाणित न करा लिया जाए तब तक इसके निर्यात की अनुमति न दी जाए।

उल्लेखनीय है कि जनवरी से अब तक कपास के भाव 42 फीसदी तक चढ़ चुके हैं। इससे धागे तैयार करने वाली कंपनियों की लागत में काफी बढ़ोतरी हो चुकी है। हालांकि सरकार ने 8 जुलाई को कपास के आयात शुल्क में कटौती कर दी। लेकिन कपास की मांग बढ़ने से कीमतों में कमी नहीं हो सकी है।

मांग तो ये भी की जा रही है कि कपास के आयात पर रोक लगायी जाए लेकिन कृषि मंत्रालय इस तरह के प्रतिबंध के खिलाफ है। देश का कपड़ा मंत्रालय भी इस तरह के किसी प्रतिबंध के खिलाफ है। विदेश व्यापार मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, विदेशों में भेजे जाने वाले किसी भी सौदे को निपटाने से पहले उसे मुंबई में मौजूद कपड़ा आयुक्त के समक्ष पंजीकृत कराना होगा।

अधिसूचना में कहा गया है कि पंजीकरण के बाद कस्टम विभाग से सौदे को प्रमाणित कराना होगा। भारतीय वस्त्रोद्योग का परिसंघ सरकार के इस निर्णय से संतुष्ट नजर आ रही है। इससे पहले इस संगठन ने हड़ताल पर जाने की धमकी दी थी।

First Published - July 23, 2008 | 11:16 PM IST

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