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पाकिस्तानी बाढ़ से लाल मिर्च गरम

Last Updated- December 07, 2022 | 1:04 PM IST

पड़ोसी देश पाकिस्तान में आई बाढ़ से भारतीय लाल मिर्च की मांग वैश्विक बाजार में 21 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इस कारण चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीने में मसालों के निर्यात में कुल मिलाकर वृध्दि हुई है।


मसाला बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक इस अवधि में लाल मिर्च के निर्यात में 20.91 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह 50,000 टन रहा जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 41,350 टन था।

मसाला बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा, ‘अप्रैल-मई के दौरान खासतौर से पाकिस्तान और श्रीलंका को किए जाने वाले लाल मिर्च के निर्यात में बढ़ोतरी हुई जिसका कारण खराब मौसम परिस्थितियों के कारण चीन और पाकिस्तान के फसल का क्षतिग्रस्त होना है।’

अधिकारी ने बताया कि अप्रैल-मई के दौरान पाकिस्तान, जो खुद ही एक लाल मिर्च की खेती करने वाला देश है, को किए जाने वाले निर्यात में 23 गुना बढ़ोतरी हुई और यह 16,170 टन रहा जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह मात्र 700 टन था। श्रीलंका को 7,000 टन का निर्यात किया गया जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 5,000 टन का निर्यात किया गया था। हालांकि, आंकड़ों की माने तो बताई गई अवधि में बांग्लादेश को केवल 60 टन लाल मिर्च का निर्यात किया गया जबकि पिछले साल इसी अवधि में लाल मिर्च के प्रमुख उत्पादकों में अपना स्थान रखने वाले इस देश को 5,800 टन का निर्यात किया गया था।

इसी प्रकार अगर निर्यात मूल्यों की बात करें तो लाल मिर्च के निर्यात में 3.73 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह 240.87 करोड़ रुपये रहा जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 232.20 करोड़ रुपये था। अधिकारी ने बताया कि मसाला बोर्ड द्वारा लाल मिर्च एवं अन्य मसालों की गुणवत्ता संबंधी जांच अनिवार्य कर दिए जाने से भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में इनकी मांगों में बढ़ोतरी हुई है। गुंटूर,के एक कारोबारी के अनुसार श्रीलंका जैसे देशों को किए जाने वाले निर्यात की रफ्तार बने रहने की उम्मीद है।

First Published - July 25, 2008 | 12:31 AM IST

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