सोमवार को चौथे दिन भी मलयेशिया में पाम ऑयल की कीमतों में कमी आई जो 15 सप्ताहों की न्यूनतम कीमत थी। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि अर्जेंटीना से सोयाबीन की आपूर्ति बढ़ने से पाम ऑयल की कीमतों में कमी आएगी।
पिछले दो सप्ताहों में पाम ऑयल की कीमतों में 6.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है क्योंकि इसका भंडार रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका है और विश्व के तीसरे सबसे बड़े सोयाबीन उत्पादक देश अर्जेंटीना ने खाद्य-निर्यात पर लगाए जाने वाले कर की योजना को टाल दिया है जिससे लदाई में कमी आई थी।
आज सोयाबीन के तेल की कीमतों में गिरावट आई और तीन दिनों के दौरान यह 4.4 प्रतिशत रही। मलयेशिया में क्रेडिट सुईस ग्रुप के बागवानी विश्लेषक तान तिंग मिन ने कहा, ‘पाम ऑयल का मलयेशियाई भंडार अभी रेकॉर्ड स्तर पर है। सोयाबीन के तेल की तुलना में पाम ऑयल काफी सस्ता है इसलिए पाम ऑयल की मांग बढ़ सकती है।’ मलयेशिया डेरिवेटिव एक्सचेंज पर अक्टूबर डिलीवरी वाले पाम ऑयल की कीमतों में 5.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई और इसका कारोबार 3,197 रिंगिट प्रति टन पर किया जा रहा था। दो अप्रैल के बाद की यह सबसे कम कीमत थी।
सिंगापुर में शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड पर दिसंबर डिलीवरी वाले सोयाबीन के तेल के मूल्य में 1.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई और इसका कारोबार 62.65 सेंट प्रति पाउंड पर किया जा रहा था। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक इस मूल्य पर यह पाम ऑयल के मुकाबले 38 प्रतिशत अधिक महंगा है। क्रेडिट सुईस के तान ने कहा कि सोयाबीन तेल के महंगे होने और वनस्पति तेलों की अंतर्निहित कमी से पाम ऑयल की मांग बरकरार रहनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि चीन मलयेशिया से पाम ऑयल के आयात में बढ़ोतरी करेगा और इससे पाम ऑयल के भंडार में कमी आनी चाहिए।’
मलयेशियाई पाम ऑयल बोर्ड ने 10 जुलाई को कहा था कि पिछले महीने पाम ऑयल का भंडार 20.4 लाख टन के रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था, मई महीने में यह 19.1 लाख टन था। इंडोनेशिया द्वारा निर्यात कर में इस महीने की गई कटौती से भी कीमतों में कमी आई है। इंडोनेशियन कन्फेडरेशन ऑफ वेजिटेबल इंडस्ट्रीज के कार्यकारी निदेशक सहत सिनागा ने 18 जुलाई को कहा था कि सरकार इस महीने प्रभार घटा कर 15 प्रतिशत करने पर विचार कर रही है।