महज 2 फीसदी किसान करते हैं कृषि में मोबाइल ऐप का उपयोग

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 4:31 AM IST

भारत कृषि में तकनीक के उपयोग को बढ़ाने पर विचार कर रहा है, वहीं एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि देश में महज 2 फीसदी किसान ही कृषि संबंधी गतिविधियों और ठीक समय पर चेतावनी पाने के लिए मोबाइल ऐप का उपयोग कर रहे हैं। इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) जैसी तकनीक समाधानों का उपयोग अभी भी शुरुआती चरण में है।
अध्ययन में यह भी पाया गया है कि मौजूदा स्टार्टअप और तकनीक आधारित कंपनियों में से करीब 90 फीसदी के पास ऐसे समाधान हैं जो केवल कटाई से पूर्व के परिचालनों पर केंद्रित हैं और कटाई बाद के परिचालन पर केंद्रित समाधान नहीं है, जिसमें बड़ी कंपनियों की मौजूदगी के कारण उच्च निवेश संभावना है।
कटाई के बाद के परिचालनों पर आईओटी एडॉप्शन इन इंडियन एग्रीकल्चर शीर्षक से आए अध्ययन में पाया गया है कि आईओटी जैसे तकनीक समाधान को अपनाने की दिशा में निवेश पर रिटर्न (आरओआई) को लेकर अस्पष्टता एक बड़ा रोड़ा है। यह अध्ययन उद्योग संगठन नैसकॉम ने सिस्को इंडिया के साथ मिलकर 180 से अधिक उद्यमों और 40 एग्रीटेक स्टार्टअप पर किया है।
इस अध्ययन को बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ साझा किया गया है।
रिपोर्ट से पता चलता है कि 27 से 37 फीसदी आईओटी एडॉप्शन कृषि मूल्य शृंखला में व्यापक तौर पर कम स्तर को दर्शाता है जिसे अस्पष्ट लाभों से और झटका लगता है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘कटाई से पूर्व की स्थिति में आईओटी लाभों की कमी की शुरुआत किसानों की कम आमदनी और बड़े पैमाने पर काश्तकारी खेती से होती है जबकि कटाई के बाद चरणों में अधिक संगठित कंपनियों और उच्च निवेश संभावना के साथ निवेश पर रिटर्न (आरओआई) को लेकर अस्पष्टता एक बड़ा रोड़ा है।’
अध्ययन में यह भी पाया गया है कि भारतीय कृषि में आईओटी इस्तेमाल की मौजूदा स्थिति उपलब्ध समाधानों और किए गए पहलों दोनों लिहाज से बहुत शुरुआती चरण में और असमान है।
नैसकॉम की वरिष्ठ उपाध्यक्ष और मुख्य रणनीति अधिकारी संगीता गुप्ता ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘भारतीय कृषि की दशा को देखते हुए मुझे लगता है कि हमारे पास कटाई से पूर्व की तकनीकी समाधानों में निवेश के लिए गहरी प्रतिबद्घता वाले लोग पर्याप्त संख्या में नहीं हैं और कृषि में कटाई के बाद के तकनीकी समाधानों में निवेश पर मिलने वाले कम रिटर्न को देखते हुए मैं समझमती हूं कि इस बिंदु पर सरकार और उद्योग को एकसाथ आकर आईओटी आदि जैसे तकनीकी समाधानों के उबराइजेशन का एक प्रकार मुहैया कराना चाहिए।’
अध्ययन में पाया गया कि कृषि के कटाई से पूर्व के चरणों में आईओटी समाधानों को लेकर जागरुकता और उपयोग आधारभूत सेंसरों, आरएफआईडी और सीमित आईओटी उपकरणों तक सीमित है जबकि कटाई के बाद के चरण में सबसे अधिक उपयोग होने वाले तकनीक सेंसर और आरएफआईडी उपकरण हैं जिनका प्रसंस्करण परिचालनों, पैकेजिंग, भंडारण और लॉजिस्टिक्स में खूब उपयोग  होता है।
कृषि में कटाई से पूर्व और कटाई के बाद दोनों परिचालनों में नए जमाने के तकनीक को अपनाने की प्रवृत्ति कम होने के कारणों के बारे में बताते हुए नैसकॉम की रिपोर्ट में कहा गया है कि इसकी एक प्रमुख वजह कार्यबल का विरोध है। इसके अलावा समाधानों की उच्च कीमत, तकनीकी समाधानों के उपयोग से कृषि खर्च में कमी आने के सीमित साक्ष्य और बदलाव के प्रति अनिच्छा तकनीक को नहीं अपनाने की प्रमुख वजहे हैं।  

हत्या मामले में सुशील गिरफ्तार
ओलंपिक में दो बार पदक जीतने वाले कुश्ती खिलाड़ी सुशील कुमार और एक अन्य व्यक्ति को छत्रसाल स्टेडियम में हुए झगड़े में एक पहलवान की कथित हत्या के सिलसिले में रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस उपायुक्त पीएस कुशवाह ने रविवार को बताया कि सुशील कुमार (38) और उनके सहयोगी अजय उर्फ सुनील (48) को मुंडका से गिरफ्तार किया गया। इससे पहले पुलिस ने इस मामले में फरार चल रहे सुशील की सूचना मुहैया कराने वाले को एक लाख रुपये इनाम की घोषणा की थी।     भाषा

First Published : May 23, 2021 | 11:35 PM IST