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OMC ने बढ़ाई सी-हैवी मोलैसिस से उत्पादित एथनॉल की कीमत, चीनी कंपनियों को मिलेगी राहत

इस्मा के अध्यक्ष एम प्रभाकर राव ने कहा कि उद्योग जगत सी-हैवी मोलैसिस से बनने वाले एथनॉल की कीमत बढ़ाए जाने का स्वागत करता है।

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संजीब मुखर्जी   
Last Updated- December 29, 2023 | 10:23 PM IST

तेल विपणन कंपनियों (OMC) ने गन्ने से एथनॉल बनाने वाली कंपनियों को बड़ी राहत दी है। नवंबर से शुरू हो रहे 2023-24 सत्र के लिए सी-हैवी मोलैसिस से उत्पादित एथनॉल की कीमत में 6.87 रुपये प्रति लीटर वृद्धि की घोषणा की गई है। यह पिछले 5 साल से ज्यादा समय में सर्वाधिक वृद्धि है।

खरीद मू्ल्य में वृद्धि के बाद सी- हैवी मोलैसिस से उत्पादित एथनॉल की कीमत प्रति लीटर 56.28 रुपये हो गई है, जो 2022-23 खरीद सत्र में 49.41 रुपये प्रति लीटर थी।

इस्मा के अध्यक्ष एम प्रभाकर राव ने कहा, ‘उद्योग जगत सी-हैवी मोलैसिस से बनने वाले एथनॉल की कीमत 6.87 रुपये प्रति लीटर बढ़ाए जाने का स्वागत करता है, जिससे इसकी कीमत 56.28 रुपये लीटर हो जाएगी। हालांकि मेरा यह भी कहना है कि इसमें और बढ़ोतरी होनी चाहिए, जिससे अनिश्चितता के वक्त में उद्योग उबर सके और गन्ने की कीमत का समय से भुगतान सुनिश्चित हो सके और एथनॉल उत्पादन को बढ़ावा मिल सके। यह कहने की बात नहीं है कि एथनॉल उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर होने वाले निवेश पर उद्योग जगत ज्यादा ब्याज का भुगतान कर रहा है और इसका उब पूरी तरह इस्तेमाल नहीं होगा।’

राव ने उद्योग की अपील पर जोर देते हुए कहा कि मोलैसिस के निर्यात पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि दरअसल अभी हम बी हैवी मोलैसिस और गन्ने के रस से बनने वाले एथनॉल की कीमत में बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे हैं।

केंद्र सरकार ने हाल ही में 2023-24 सत्र के लिए गन्ने के रस या शीरे से बनने वाले एथनॉल की खरीद पर प्रतिबंध लगा दिया था, क्योंकि 2023-24 सत्र में भारत के चीनी उत्पादन को लेकर सवाल उठ रहे हैं। चीनी विपणन सत्र अक्टूबर से सितंबर तक चलता है।

सूत्रों का कहना है कि अभी हाल में समाप्त हुए 2022-23 एथनॉल खरीद सीजन में 4.94 अरब लीटर एथनॉल की आपूर्ति ओएमसी को की गई। इसमें से एक चौथाई यानी 1.26 अरब लीटर गन्ने के रस या शीरे से बना। वहीं 2.33 अरब लीटर (करीब 4 प्रतिशत) बी-हैवी मोलैसिस से बना एथनॉल था। शेष 1.30 अरब लीटर अनाज से बना एथनॉल था।

2022-23 सीजन में ओएमसी को की गई एथनॉल में सी हैवी मोलैसिस की हिस्सेदारी 0.06 अरब लीटर थी। कीमत में तेज बढ़ोतरी का एक मतलब सी-हैवी मोलैसिस से एथनॉल उत्पादन बढ़ाना भी है, जिसमें बहुत कम मात्रा में चीनी भेजी जाती है।

सूत्रों ने कहा कि 2023-24 एथनॉल आपूर्ति वर्ष में ओएमसी को 5.62 अरब लीटर एथनॉल की आपूर्ति वादा किया गया था, जिसमें से करीब 2.69 अरब लीटर गन्ने के मोलैसिस से और 2.92 अरब लीटर अनाज से आएगा। भारत का शुद्ध चीनी उत्पादन (एथनॉल बनाने के लिए डायवर्जन के बाद) 2023-24 सीजन में करीब 290 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले सत्र के 330 लाख टन की तुलना में कम है।

भारत में एथनॉल का उत्पादन कई स्रोतों से किया जाता है। सबसे ज्यादा उत्पादन गन्ने के मोलैसिस या अनाज व अन्य स्रोतों से होता है।

First Published : December 29, 2023 | 10:23 PM IST