प्रतीकात्मक तस्वीर
उत्तरी भारत के बाकी हिस्सों में रविवार को हुई बारिश के साथ ही भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने देश भर में मॉनसून के पहुंचने की घोषणा की। मौसम विभाग ने कहा कि मॉनसून ने अपनी निर्धारित तिथि से 9 दिन पहले ही देश के पूरे हिस्से को कवर कर लिया है।
आम तौर पर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 8 जुलाई तक देश भर में फैल जाता है। मॉनसून की अब तक की प्रगति पर गौर करने से पता चलता है कि 2020 के बाद इस साल उसका देश भर में सबसे तेज प्रसार रहा है।
साल 2020 में मॉनसून ने 26 जून तक ही पूरे देश में पहुंच गया था। मौसम विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि उस साल जून से सितंबर की अवधि में मॉनसून की कुल बारिश सामान्य से 10.5 फीसदी अधिक दर्ज की गई थी।
मौसम विभाग ने मई में जारी अपने दूसरे चरण के पूर्वानुमान में 2025 के लिए अपने मॉनसून अनुमान को संशोधित करते हुए दीर्घकालिक औसत (एलपीए) का 106 फीसदी कर दिया था। इससे पहले अप्रैल के अपने पूर्वानुमान में मौसम विभाग ने दीर्घकालिक औसत का 105 फीसदी बारिश होने का अनुमान जाहिर किया था। विभाग ने यह भी कहा है कि जून में बारिश सामान्य से अधिक रहेगी और यह दीर्घकालिक औसत के 108 फीसदी से भी अधिक होगी।
जून से सितंबर की अवधि के लिए मौसमी बारिश का पूर्वानुमान 4 फीसदी कम या अधिक के त्रुटि के आसार के साथ जारी किया जाता है। साल 1971 से 2020 की अवधि में देश भर में मॉनसूनी बारिश के लिए दीर्घकालिक औसत 87 सेंटीमीटर है।
मौसम विभाग ने यह भी कहा था कि पूर्वोत्तर और बिहार के कुछ हिस्सों को छोड़ दिया जाए तो देश के लगभग सभी इलाकों में मॉनसून इस साल सामान्य से बेहतर रहेगा। इस साल 1 जून से 28 जून की अवधि में मॉनसून की बारिश सामान्य से 9 फीसदी अधिक दर्ज की गई।
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के जल्द आने से खरीफ फसल की बोआई में तेजी आएगी। इससे शुरुआती फसल दमदार रहने के आसार हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि 20 जून तक खरीफ फसलों की बोआई एक साल पहले यानी 2024 की समान अवधि के मुकाबले करीब 10 फीसदी अधिक क्षेत्र में हो चुकी थी। इस प्रकार करीब 137.4 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोआई होने की खबर है।
खरीफ सीजन में उगाई जाने वाली जाने वाली फसलों में धान प्रमुख खाद्यान्न है। जहां तक धान की बोआई का सवाल है तो यह 20 जून तक करीब 13.2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हो चुकी है। यह एक साल पहले की समान अवधि में बोआई रकबा के मुकाबले 60 फीसदी अधिक है। हालांकि तिलहन की बोआई की रफ्तार थोड़ी सुस्त दिख रही है लेकिन मध्य भारत में मॉनसून की प्रगति होने के साथ ही उसका रकबा बढ़ने की उम्मीद है।