रबी की फसलों जैसे चने और सरसों की बुआई ने 10 नवंबर को समाप्त सप्ताह में तेजी पकड़ी है। हालांकि दक्षिण भारत के प्रमुख जलाशयों में जल स्तर कम बना हुआ है।
आंकड़ों से पता चलता है कि दक्षिण भारत के 40 जलाशयों का जल स्तर 9 नवंबर को उनकी पूरी क्षमता (एफआरएल) का 44 प्रतिशत था। वहीं पिछले साल की समान अवधि में यह 89 प्रतिशत था और 10 साल का औसत एफआरएल 76 प्रतिशत है।
बहरहाल बोआई के आंकड़ों से पता चलता है कि चने की बोआई शुक्रवार तक 41.4 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 41.9 लाख हेक्टेयर में बोआई हो गई थी।
इस दौरान सरसों की बोआई करीब 57.1 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो पिछले साल की समान अवधि के 56.8 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है।
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चना और सरसों रबी सीजन की प्रमुख दलहन और तिलहन फसलें हैं। रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं की बोआई के आंकड़े इस सप्ताह जारी नहीं किए गए हैं।
कारोबारियों व बाजार के भागीदारों का कहना है कि गेहूं की बोआई के साथ अन्य फसलों की बोआई तब गति पकड़ेगी, जब खरीफ की फसल का काम पूरा हो जाएगा। पंजाब और हरियाणा में धान और उत्तर प्रदेश में खरीफ की प्रमुख फसल गन्ना है।
सरकार से जुड़े सूत्रों ने कल बताया था कि कुछ दिन पहले तक धान की कटाई पंजाब में करीब 60 प्रतिशत और हरियाणा में 90 प्रतिशत पूरी हो चुकी है।