बढ़ सकता है कोयले का आयात

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 10, 2022 | 12:25 AM IST

बिजली की मेगा पावर परियोजनाओं में बढ़ती मांग को देखते हुए देश में थर्मल कोल के आयात में 9 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है।
सिटी ग्रुप के हालिया अनुमान के मुताबिक थर्मल कोल का देश में आयात बढ़कर 2009 में 367 लाख टन हो सकता है, जबकि पिछले साल कुल आयात 337 लाख टन था। कोयले की कमी की गंभीरता का अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि इसका प्रभाव तमाम कंपनियों की उत्पादन क्षमता पर पड़ा है और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी, नैशनल एल्युमिनियम कंपनी (नाल्को) का उत्पादन कम हो गया है।
बहरहाल सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की तमाम कंपनियों ने बड़े पैमाने पर विद्युत उत्पादन का प्रस्ताव रखा है, जिसके लिए बड़े पैमाने पर कोयले की जरूरत पडेग़ी। विद्युत उत्पादन में 6150 किलोवाट प्रतिघंटे प्रतिटन कोयले की खपत होती है, इसका मतलब यह हुआ कि 1 टन कोयले की खपत से 6150 किलोवाट विद्युत एक घंटे के लिए तैयार होती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान परिदृश्य में 31.5 गीगा वाट (जीडब्ल्यू) की कुल परियोजनाएं हैं, जिसमें 12-15 प्रतिशत उत्पादन परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, इसके अलावा अन्य 10 प्रतिशत निर्माण के स्तर पर है, इसके अलावा शेष फाइनैंसिंग और प्री-फाइनैंसिंग के स्तर पर हैं।
इसके साथ ही परियोजनाओं में धीमी प्रगति को देखते हुए सरकार ने हाल ही में दूसरे चरण की परियोजनाओं की भी घोषणा भी कर दी है, जिसमें 11,000 मेगावाट क्षमता विस्तार शामिल है। इसमें से 7,000 मेगावाट बिजली कोयले के प्रयोग से बननी है।
ये परियोजनाएं भी कुछ उसी तरह के संकट से गुजरेंगी, जैसा कि वर्तमान परियोजनाओं के साथ हो रहा है। इनके पूरा होने का लक्ष्य 2018 तक का रखा गया है, लेकिन इसमें भी देरी हो सकती है।
भारत में करीब 250 अरब टन कोयले का भंडार है, जिसमें से 15 करोड़ टन कोयला निकाले जाने योग्य है और 30 करोड़ टन का प्रति वर्ष उत्पादन होता है। अगर कोयले का उत्पादन 60 करोड़ टन प्रति वर्ष हो जाए तो कुछ साल तक कोयले की जरूरतों को पूरा किया जा सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल कोयले की कीमतों में 17 प्रतिशत की कमी आई है। हाजिर बाजार में कोयले की कीमत 70 डॉलर प्रति टन गिरी है, जबकि वायदा बाजार में 80 डॉलर प्रति टन कम हुई है।
सिटीग्रुप के विशेषज्ञों का मानना है कि इंडोनेशियाई कोयला उत्पादनों ने कीमतों में कमी की भरपाई के लिए उत्पादन के खर्च में बहुत कमी की है। इंडोनेशिया में खनन का काम करने वालों ने उस स्थिति में भी लाभ कमाना बरकरार रखा, जब कोयले की कीमतें 70 अमेरिकी डॉलर तक गिर गईं और वर्तमान परिदृश्य में कोशिश की जा रही है कि लाभ को बरकरार रखा जाए।
कोयले का आयात
वर्ष                                      मात्रा
                                 (मिलियन टन में)
2006                                23.2
2007                                27.7
2008*                              33.7
2009*                              36.7
2010*                              39.7
2011*                              45.7
2012*                              60.0
2013*                              62.0
2014*                              65.0

*अनुमानित

First Published : February 8, 2009 | 11:13 PM IST