कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि गेहूं आयात करने की कोई योजना नहीं है और सरकार अपने बफर स्टॉक के लिए पर्याप्त मात्रा में गेहूं खरीद के प्रति आश्वस्त है।
शरद पवार ने सोमवार को कहा कि गेहूं आयात की तत्काल कोई योजना नहीं है। गेहूं की अच्छी पैदावार होने की उम्मीद है क्योंकि खतरे की अवधि समाप्त हो चुकी है। उन्होंने कहा कि इस साल सरकार पर्याप्त मात्रा में गेहूं खरीद के प्रति आश्वस्त है।
पिछले दो सालों में घरेलू जरूरतों को पूरा करने, बफर स्टॉक बनाने और जन वितरण प्रणाली के लिए पर्याप्त मात्रा में गेहूं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भारत गेहूं का आयात करता रहा है। 2007 में केंद्र सरकार ने 18 लाख टन गेहूं का आयात किया था क्योंकि उस साल 150 लाख टन के लक्ष्य के मुकाबले सरकार ने सिर्फ 110 लाख टन गेहूं की खरीद की थी।
साल 2006 में भारत ने 55 लाख टन गेहूं का आयात किया था क्योंकि उस साल सरकार ने सिर्फ 92 लाख टन गेहूं की खरीद की थी।पवार ने कहा कि हम आत्मनिर्भर होने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने की कोशिश जारी है। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य में बोनस देने का इरादा रखती है, पवार ने कहा कि घरेलू बाजार से सरकारी खरीद केलिए वर्तमान एमएसपी सही है और इस पर बोनस देने की फिलहाल जरूरत नहीं है।
कृषि मंत्री ने कहा कि खाद्य तेल और गेहूं की कीमत में सोमवार को कमी आई है। उन्होंने गैर बासमती चावल के निर्यात पर पाबंदी लगाने की मांग को खारिज करते हुए कहा कि घरेलू बाजार में इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करने केलिए आयात कर में कटौती पर्याप्त कदम है। पिछले हफ्ते सरकार ने गैर बासमती चावल के आयात पर आयात कर 70 फीसदी से घटाकर शून्य कर दिया था।