अंतरराष्ट्रीय स्टील कारोबार में भारत की बड़ी भूमिका बनी हुई है, लेकिन इस साल चीन व वियतनाम के बजाय यूरोप में आपूर्ति पर ध्यान केंद्रित हुआ है। एसऐंडपी ग्लोबल प्लैट्स ने आज अपनी रिपोर्ट में यह कहा है।
पिछले साल भारत ने चीन व वियतनाम को उल्लेखनीय मात्रा में स्टील की आपूर्ति की थी। यह आपूर्ति ऐसे समय हुईष जब भारत महाममारी से अभी उबर ही रहा था। बहरहाल इस साल भारत की आपूर्ति की स्थिति में बदलाव आया है और यूरोप पर ध्यान है क्योंकि नार्दर्न यूरोपियन हॉट रोल कॉयल (एचआरसी) के दाम जनवरी में भारत के घरेलू एचआरसी मूल्य की तुलना में करीब 65 डॉलर प्रति टन ज्यादा थे। प्लैट्स के मुताबिक 12 अप्रैल, 2021 को स्टील उत्पादों के दाम 300 डॉल प्रति टन ज्यादा थे।
भारत पहले ही अपना यूरोप का 40,000 टन का कोटा इस साल पार कर चुका है, लेकिन उम्मीद है कि यूरोप में कमी की वजह से संभावनाएं बनी रहेंगी।
बहरहाल इस बीच घरेलू स्टील की आपूर्ति भी कम हो गई है, जो जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा स्टील और स्टील अथॉरिटी आफ इंजिया के रखरखाव कार्य की योजना की वजह से और कम होने की संभावना है। इसकी वजह से मार्चमें कच्चे स्टील का उत्पादन 3.1 प्रतिशत घटकर 91 लाख टन हो गया। इसकी वजह से मॉनसून के पहले अप्रैल-मई में भारतीय एचआरसी की कीमतों में और तेजी आ सकती है।
1 माह लॉकडाउन से जीडीपी को 1 से 2 प्रतिशत नुकसान
वॉल स्ट्रीट की ब्रोकरेज कंपनी बैंक ऑफ अमेरिका (बोफा) सिक्योरिटीज का मानना है कि कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी की वजह से बीते वित्त वर्ष 2020-21 की मार्च की चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की अनुमानित तीन प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल होना मुश्किल है। बोफा ने कहा कि महामारी बढऩे से अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार की राह में जोखिम है व 1 माह के राष्ट्रीय स्तर के लॉकडाउन से जीडीपी का 1 से 2 प्रतिशत का नुकसान होगा। भाषा
हीरा उद्योग कोविड से प्रभावित नहीं
हाल में कोविड-19 की दूसरी लहर बढऩे के साथ प्रवासी कामगारों के शहर छोड़कर गांवों की तरफ जाने के मामले में गुजरात के सूरत शहर के हीरा उद्योग का दावा है कि मौजूदा परिवेश का उसके कामकाज पर अब तक कोई असर नहीं पड़ा है। सूरत डायमंड एसोसिएशन के मुताबिक सूरत शहर में 3,000 के करीब छोटे और बड़े हीरा कारोबारियों द्वारा पांच लाख कर्मचारियों को काम पर रखा गया है। भाषा
चेक बाउंस के जल्द निस्तारण के लिए हो कानून में संशोधन
उच्चतम न्यायालय ने चेक बाउंस के मामलों के जल्द निस्तारण के लिए शुक्रवार को कई निर्देश जारी किए और एक ही लेन-देन से संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एक वर्ष के भीतर दर्ज मामलों में सभी मुकदमों को साथ जोडऩे की व्यवस्था करने के लिए केंद्र को कानून में संशोधन करने का सुझाव दिया है। भाषा