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Tur Procurement: तुअर किसानों को बड़ी राहत, MSP पर खरीद की डेडलाइन 28 मई तक बढ़ी

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मंत्री जयकुमार रावल ने केंद्र से इस बाबत मांग की थी और पणन विभाग ने केंद्र को प्रस्ताव भी भेजा था।

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सुशील मिश्र   
Last Updated- May 23, 2025 | 5:23 PM IST

Tur Procurement: राज्य के तुअर उत्पादक किसानों और जनप्रतिनिधियों की मांग को ध्यान में रखते हुए, केंद्र सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने पीपीएस योजना के तहत नाफेड (NAFED) और NCCF के माध्यम से हो रही तुअर खरीद की अंतिम तिथि 28 मई 2025 तक बढ़ा दी है। केंद्र की 90 दिनों की खरीद अवधि 13 मई को समाप्त हो चुकी थी। बाकी पंजीकृत किसानों की तुअर की भी खरीद सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार की तरफ से समय सीमा बढ़ाने की मांग की जा रही थी।

तुअर किसानों को मिली बड़ी राहत

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मंत्री जयकुमार रावल ने केंद्र से इस बाबत मांग की थी और पणन विभाग ने केंद्र को प्रस्ताव भी भेजा था। पणन मंत्री जयकुमार रावल ने कहा कि इस निर्णय से राज्य के किसानों को बड़ी राहत मिली है। रावल ने तुअर खरीद की समय सीमा बढ़ाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार प्रकट किया।

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तुअर खरीद की डेडलाइन 28 मई तक बढ़ी

अधिकारियों ने बताया कि अरहर खरीद की समयसीमा, जो पहले 30 अप्रैल तय की गई थी, किसानों की मांग पर इस बढ़ा कर 13 मई तक कर दी गई लेकिन कई किसान सरकारी एजेंसियों को बेचने के इच्छुक हैं क्योंकि यह खुले बाजार में दाल बेचने से ज्यादा लाभकारी है। अब तुअर खरीदी की समय सीमा 28 मई तक होने से किसान अपनी फसल को सरकारी एजेंसियों को बेच सकेंगे।

MSP पर जारी है तुअर की खरीद

राज्य में अब तक 1,37,458 किसानों ने तुअर बिक्री के लिए ऑनलाइन पंजीकरण किया है। 13 मई 2025 तक 69,189 किसानों से 1,02,951 मीट्रिक टन तुअर की खरीद हो चुकी थी। 2024-25 सीजन के लिए केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र से 2,97,430 मीट्रिक टन तुअर खरीद को मंजूरी दी है। इसके लिए नाफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से राज्य की 8 नोडल एजेंसियों द्वारा 764 खरीद केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। राज्य में तुअर की खरीद 7,550 रुपये प्रति क्विंटल की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)पर जारी है। मौजूदा बाजार दर MSP से कम होने के कारण किसानों को इस योजना से बड़ा लाभ मिल रहा है। समय सीमा बढ़ाने से अब बाकी किसान भी अपनी उपज समर्थन मूल्य पर बेच सकेंगे।

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घरेलू खपत से कम है तुअर उत्पादन

केंद्रीय कृषि मंत्रालय के दूसरे एडवांस अनुमान के अनुसार, खरीफ सीजन की फसल तुअर का उत्पादन 35 लाख टन रहने का अनुमान है, जबकि पिछले साल यह 34 लाख टन था। व्यापार जगत को उम्मीद है कि इस साल कम से कम 10 लाख टन तुअर का आयात किया जाएगा, जबकि खपत 38 लाख टन रहने का अनुमान है। इस साल अंतिम स्टॉक 3 लाख टन रहने का अनुमान है, जबकि पिछले साल यह 2.8 लाख टन था। सरकार ने 31 मार्च, 2026 तक तुअर के ड्यूटी फ्री आयात की अनुमति दी है। देश की अधिकांश मंडियों में तुअर की कीमतें MSP से नीचे चल रही हैं।

First Published : May 23, 2025 | 5:06 PM IST