मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) क्रूड पाम वायदा आयातक और ट्रेडर को हेजिंग का सुनहरा मौका उपलब्ध करा रहा है।
यही वजह है कि एमसीएक्स में क्रूड पाम का वायदा कारोबार दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। 6 जून को जब एमसीएक्स ने क्रूड पाम वायदा शुरू किया था तो उस दिन इसमें महज 3 हजार टन का ओपन इंटरेस्ट था, जो अब बढ़कर 16-17 हजार टन पर पहुंच गया है।
12 जून को पाम क्रूड का कारोबार अपने उच्चतम शिखर यानी 76 करोड़ रुपये पर पहुंच गया था। वैसे बुधवार को क्रूड पाम वायदा में कुल 74 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ। वैसे 6 जून को इसमें अपर सर्किट लग चुका है क्योंकि उस समय सोया तेल के कारोबारी लगभग टूट पड़े थे।
गौरतलब है कि सरकार ने 7 मई से चना, सोया तेल, आलू और रबर के वायदा कारोबार पर चार महीने की पाबंदी लगा दी थी। तुअर, गेहूं, चावल और उड़द पर पहले से ही पाबंदी लगी हुई है। कमोडिटी विशेषज्ञ सुशील पाहवा के मुताबिक, एमसीएक्स में क्रूड पाम का कारोबार तो बढ़ रहा है, लेकिन इसका भाव सीमित दायरे में ही घूम रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर एक हफ्ते तक इसी तरह का रुख रहा तो फिर न सिर्फ ओपन इंटरेस्ट कम हो जाएगा बल्कि वॉल्यूम भी गिरेगा। पाहवा ने कहा कि अगर क्रूड पाम का वायदा बाजार सही मायने में मजबूत होता तो फिर ओपन इंटरेस्ट कम से कम 50 हजार टन होना चाहिए था।
हेजिंग बोले तो
हेजिंग आयातक और ट्रेडर को शिपिंग के दौरान कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव की भरपाई करने का मौका देता है। फर्ज करें कि कोई आयातक 5 टन माल 100 रुपये के हिसाब से खरीदता है। चूंकि उस माल की डिलिवरी 15-20 दिन बाद होगी और फिर उस समय इसका भाव अगर कम हो गया तो फिर नुकसान तय है।
ऐसे में आयातक उस माल को वर्तमान भाव में बेच देता है और अगर माल उतरने के समय उसका भाव कम भी हो जाता है तो उसे निश्चित रूप से नुकसान नहीं होता है। एमसीएक्स की कीमतें बुरसा मलयेशिया डेरिवेटिव्स की कीमत से 90 फीसदी तक समानता रखता है।
भारत में पाम तेल की कीमत मलयेशिया और इंडोनेशिया में मांग और आपूर्ति की स्थिति से प्रभावित होती है। फिलहाल एमसीएक्स में जुलाई, अगस्त और सितंबर का कॉन्ट्रैक्ट उपलब्ध है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पाम तेल की कीमतों में चाहे जितना उतारचढ़ाव हुआ हो, क्रूड पाम ऑयल की कीमत एमसीएक्स में 520-530 रुपये के आसपास ही घूम रही है।
आयात का आंकड़ा
एमसीएक्स के वाइस प्रेजिडेंट (क्रूड पाम कारोबार) संजीत प्रसाद के मुताबिक, भारत में सालाना 35-40 लाख टन पाम ऑयल की खपत होती है और इसके लिए आयात के अलावा कोई और रास्ता नहीं है। भारत क्रूड पाम तेल का सबसे बड़ा आयातक है। पिछले साल 53 लाख टन क्रूड पाम का आयात हुआ था, जो इस साल बढ़कर करीब 65 लाख टन पर पहुंचने की संभावना है।
सारा माल हल्दिया, कांकीनाड़ा और कांडला पोर्ट पर उतरता है। इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से वनस्पति उद्योग में होता है। वैसे भी यह सबसे सस्ता खाद्य तेल है। कुल आयात का 65 फीसदी इंडोनेशिया से जबकि बाकी मलयेशिया से आता है।
एमसीएक्स में क्रूड पाम वायदा में दिल्ली, कानपुर, हैदराबाद, राजकोट, हरियाणा, पंजाब, कोलकाता, अकोला, अहमदाबाद, इंदौर और मुंबई के दिग्गज संस्थानों और ट्रेडरों का खास आकर्षण बढ़ा है। अडानी, रुचि सोया, के. एस. ऑयल, झुनझुनवाला समेत कई बड़ी कंपनियां इस कारोबार से जुड़ी हुई हैं।