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कच्चे तेल की प्रोसेसिंग में हुआ इजाफा, मार्च में बढ़कर 2.34 करोड़ टन पहुंचा: PPAC

नवीनतम माह में भी घरेलू कच्चे तेल का परिशोधन 25 लाख टन के उत्पादन पर स्थिर था।

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शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- April 25, 2024 | 9:51 PM IST

Crude oil processing volumes: भारत का पेट्रोलियम परिशोधन मार्च में बढ़कर 2.34 करोड़ टन हो गया। पेट्रोलियम योजना व विश्लेषण प्रकोष्ठ (PPAC) के गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक पेट्रोलियम परिशोधन मार्च 2024 में बीते साल की इस अवधि की तुलना में 1.6 प्रतिशत अधिक हुआ। मार्च 2023 में पेट्रोलियम परिशोधन 2.3 करोड़ टन था। हालांकि इस साल फरवरी में 2.09 करोड़ टन का शोधन हुआ था।

लिहाजा फरवरी की तुलना में मार्च में क्रमिक आधार पर मात्रा में 11.9 प्रतिशत का इजाफा हुआ।

मार्च में कुल प्रसंस्कृत मात्रा में सरकार के स्वामित्व वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (PSU) और संयुक्त उपक्रमों (JV) की हिस्सेदारी 1.61 करोड़ टन थी जबकि निजी रिफाइनरियों ने 73 लाख टन कच्चे तेल का परिशोधन किया।

नवीनतम माह में भी घरेलू कच्चे तेल का परिशोधन 25 लाख टन के उत्पादन पर स्थिर था। इसमें ONGC की हिस्सेदारी 16 लाख टन और ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) की 3 लाख टन थी।

हालांकि मार्च बीते साल मार्च की की तुलना में इस वर्ष के मार्च में कच्चे तेल का आयात 4.4 प्रतिशत गिरकर 20 अरब डॉलर हो गया। यह मार्च 2023 में 20.9 अरब डॉलर था। इस वर्ष मार्च में आयातित कच्चे तेल का मूल्य कम होने का कारण बीते साल की अवधि में कच्चे तेल का वैश्विक स्तर पर मूल्य अधिक होना था।

First Published : April 25, 2024 | 9:51 PM IST