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बाजार हलचल: निफ्टी का अगला पड़ाव 20,300? क्या है एक्सपर्ट्स की राय ?

तकनीकी विश्लेषकों का मानना है कि बाजार अब जरूरत से ज्यादा खरीदारी वाले जोन में है, लेकिन और बढ़ोतरी की संभावना से वे इनकार नहीं कर रहे हैं।

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खुशबू तिवारी   
समी मोडक   
Last Updated- September 17, 2023 | 11:00 PM IST

बेंचमार्क निफ्टी-50 इंडेक्स (Nifty 50) ने पिछले 15 कारोबारी सत्रों में से 13 में बढ़त दर्ज की है। इस अवधि में इंडेक्स ने 4.8 फीसदी यानी 927 अंक जोड़े और आखिरी बंद स्तर 20,192 रहा।

तकनीकी विश्लेषकों का मानना है कि बाजार अब जरूरत से ज्यादा खरीदारी वाले जोन में है, लेकिन और बढ़ोतरी की संभावना से वे इनकार नहीं कर रहे हैं।

कोटक सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अमोल आठवले ने कहा, बाजार का रुख तेजी का है, पर बाजार अस्थायी तौर पर जरूरत से ज्यादा खरीदारी वाले हालात में है, ऐसे में हम उच्चस्तर पर कुछ मुनाफावसूली देख सकते हैं। अल्पावधि वाले ट्रेडरों के लिए 20,075 व 20,000 अहम समर्थन के स्तर का काम करेगा, वहीं 20,300 व 20,375 तेजडि़यों के लिए प्रतिरोध का अहम स्तर हो सकता है।

आईपीओ की बाढ़ में घटा जीएमपी

सामी होटल्स और जैगल प्रीपेड समेत हालिया आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम एक अंक में नजर आ रहा है जबकि अगस्त में पेश हुए ज्यादातर आईपीओ का जीएमपी 50 फीसदी से ज्यादा रहा था।

बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि करीब आधा दर्जन पेशकश करीब-करीब एक ही समय में होने और पिछले हफ्ते मिड व स्मॉलकैप शेयरों में आई गिरावट का सेंटिमेंट पर असर पड़ रहा है। मंगलवार को एनएसई मिडकैप 100 व निफ्टी स्मॉलकैप 100 ने दिसंबर के बाद की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की। ये शेयर हालांकि अगले कुछ काोबारी सत्रों मं स्थिर होने में कामयाब रहे। अन्य कारक नकदी संकट है।

बैंकरों ने कहा कि चूंक सभी आईपीओ बाजार में करीब-करीब एक साथ आ रहे हैं, ऐसे में निवेशक वहां बड़ी रकम नहीं लगा पा रहे हैं, जहां अनिश्चितता होती है।

फ्रीक ट्रेड : बीएसई की एडवाइजरी

8 सितंबर को बीएसई के डेरिवेटिव सेगमेंट में असामान्य कारोबार देखा गया, जहां सेंसेक्स के कॉल ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट की कीमत 67,000 पर करीब 50 गुना बढ़कर 4 रुपये से 200 रुपये हो गई।

बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि फ्रीक ट्रेड से कुछ निश्चित ट्रेडरों को नुकसान हुआ। इस घटनाक्रम के बाद बीएसई ने एडवाइजरी जारी की है और ट्रेडिंग मेंबरों को ज्यादा सतर्कता बरतने और ड्यू डिलिजेंस के लिए कहा गया है। बीएसई ने कहा है, अशुद्ध या गलत सूचना पर आधारित ऑर्डर बाजार के संतुलन को प्रभावित करने के अलावा निवेशकों को नुकसान भी पहुंचाते हैं।

ट्रेडिंग मेंबरों, क्लाइंटों की सुरक्षा और बाजार में सामान्य स्थिति बनाए रखने के लिए ट्रेडिंग मेंबरों से एक बार फिर अपने सिस्टम में स्टॉप लॉस ऑर्डर लिमिट और मार्केट प्राइस प्रोटेक्शन लिमिट की तत्काल समीक्षा करने को कहा गया है।

First Published : September 17, 2023 | 11:00 PM IST