आईटी दिग्गज इन्फोसिस के सह-संस्थापक और विजन समूह फॉर आईटी के चेयरमैन कृष गोपालकृष्णन ने कहा है कि वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बावजूद भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग में बढ़त जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि उद्योग साल 2030 तक 350 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा, जो अभी 200 अरब डॉलर है।
गोपालकृष्णन ने बेंगलूर टेक समिट के 26वें एडिशन में कहा, पिछले साल उद्योग ने करीब 9 फीसदी की वृद्धि दर्ज की थी। यह 200 अरब डॉलर का उद्योग है। उम्मीद की जा रही है कि यह साल 2030 तक बढ़कर 350 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा। यह उच्च वृद्धि वाला उद्योग है और पिछले कुछ वर्षों से लगातार हर साल इसमें वृद्धि दर्ज हुई है।
उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब सूचना प्रौद्योगिकी सेवा उद्योग के राजस्व की वृद्धि इस वित्त वर्ष में घटकर 3 से 5 फीसदी रहने की आशंका है, जिसकी वजह आर्थिक अनिश्चिताएं और अमेरिका व यूरोप में कमजोर मांग है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने यह आशंका जताई है।
गोपालकृष्णन ने कहा, हां वैश्विक अर्थव्यवस्था नरमी से रूबरू हो रही है। लेकिन ये चक्र होते हैं। मध्यम से लंबी अवधि में मुझे पूरा भरोसा है कि हम 350 अरब डॉलर के आंकड़े तक पहुंच जाएंगे।
चैटजीपीटी और जेनरेटिव आर्टिफिशल इंटेलिजेंस जैसी तकनीक के आगमन का भी आईटी समेत विभिन्न उद्योगों पर गहरा असर पड़ा है। गोपालकृष्णन ने कहा, नवंबर 2022 में चैटजीपीटी पेश हुआ और आज की तारीख में यह सबसे तेज गति से वृद्धि वाली ऐप्लिकेशन टेक्नोलॉजी बन गई है।
उन्होंने कहा कि जब इस तरह की घटनाएं होती हैं और जब विस्तृत तौर पर इस्तेमाल किए जाने योग्य नई तकनीकों का आगाज होता है तो कई तरह के हस्तक्षेप की दरकार होती है। हर क्षेत्र, उद्योग और ऐप्लिकेशन में बदलाव होते हैं। इनमें तकनीक, सूचना और इंटेलिजेंट सिस्टम्स से मेलजोल को लेकर होने वाला बदलाव शामिल है।
गोपालकृष्णन ने कहा, इस दौर की अदभुत बात चैट इंटरफेस के इस्तेमाल के जरिये एआई सिस्टम्स से मेलजोल की क्षमता है।