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Murugappa Group ने सुलझाया पारिवारिक विवाद

अपनी बहन वेलाची मुरुगप्पन और मां एमवी वल्ली मुरुगप्पन के साथ अरुणाचलम ने साल 2020 में एनसीएलटी में मामला दर्ज कराया था।

Last Updated- August 20, 2023 | 10:30 PM IST
Murugappa Group

मुरुगप्पा समूह (Murugappa Group) ने कामयाबी के साथ पुराने पारिवारिक विवाद का समाधान निकाल लिया है और इसमें समूह के पूर्व कार्यकारी चेयरमैन दिवंगत एम वी मुरुगप्पा की बड़ी बेटी वल्ली अरुणाचलम व परिवार के अन्य सदस्य शामिल हुए।

अपनी बहन वेलाची मुरुगप्पन और मां एमवी वल्ली मुरुगप्पन के साथ अरुणाचलम ने साल 2020 में एनसीएलटी में मामला दर्ज कराया था। उनकी मांग समूह की होल्डिंग कंपनी अंबाडी इन्वेस्टमेंट के निदेशक मंडल में जगह पाने या कंपनी में उनकी 8.23 फीसदी हिस्सेदारी का उचित मुआवजा पाने की थी।

मामला निपटान की विस्तृत जानकारी हालांकि गोपनीय है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि परिवार के सदस्यों ने अगले 90 दिन के भीतर पारिवारिक व्यवस्था के तहत आवश्यक लेनदेन पूरा करने की प्रतिबद्ध‍ता जताई है। इस निपटान का दस्तावेजीकरण रविवार को मेमोरेंडम के तौर पर हुआ, जिसमें मुरुगप्पा परिवार के सदस्य और दिवंगत एमवी मुरुगप्पन की परिवारिक शाखा शामिल हुई।

पारिवारिक व्यवस्था के तहत यह तय किया गया है कि फैमिली सेटलमेंट में तय कदमों के पूरा होने के बाद परिवार के सदस्य सभी कानूनी मुकदमे वापस लेंगे। अरुणचालम के पिता मुरुगप्पन साल 2017 में गुजर गए और साल 2020 में सार्वजनिक तौर पर अंबाडी इन्वेस्टमेंट के निदेशक मंडल में जगह मांगी गई। उन्होंने लैंगिक भेदभाव का भी आरोप लगाया था। सितंबर 2022 में उन्होंने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ विवाद का समाधान निकालने की खातिर चर्चा में शामिल होने की इच्छा जताई थी।

एक सूत्र ने स्पष्ट किया, मुरुगप्पा समूह की कोई भी कंपनी इस पारिवारिक व्यवस्था में पक्षकार नहीं है और इस व्यवस्था में किसी भी कंपनी के प्रबंधन या नियंत्रण या पक्षकारों को विशेष अधिकार से संबंधित कुछ भी नहीं है।

चेन्नई के इस समूह में 11 सूचीबद्ध‍ कंपनियां हैं, जिनमें कार्बोरंडम यूनिवर्सल (मौजूदा एमकैप 36,188 करोड़ रुपये), चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट ऐंड फाइनैंस कंपनी (एमकैप 83,599 करोड़ रुपये), चोलामंडलम फाइनैंशियल होल्डिंग्स (एमकैप 16,899 करोड़ रुपये), कोरोमंडल इंजीनियरिंग कंपनी (151 करोड़ रुपये), कोरोमंडल इंटरनैशनल (31,486 करोड़ रुपये), ट्यूब इन्वेस्टमेंट ऑफ इंडिया (53,798 करोड़ रुपये), ईआईडी पैरी इंडिया (8,092 करोड़ रुपये), कार्तिक इन्वेस्टमेंट्स ट्रस्ट (12 करोड़ रुपये), सीजी पावर ऐंड इंडस्ट्रियल सॉल्युशंस (65,618 करोड़ रुपये), शांति गियर्स (3,452 करोड़ रुपये) और वेड्ट इंडिया (2,630 करोड़ रुपये) शामिल हैं।

First Published - August 20, 2023 | 10:30 PM IST

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