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कॉरपोरेट व्यवसायों को खुदरा मोर्चे से लाभ: पीएनबी हाउसिंग फाइनैंस CEO

गिरीश कौसगी ने बताया कि उनकी योजना इस वित्त वर्ष ऋण बहीखाते में 17 प्रतिशत और वितरण में 22-23 प्रतिशत तक की वृद्धि करना है।

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मनोजित साहा   
Last Updated- November 21, 2023 | 10:54 PM IST

पीएनबी हाउसिंग फाइनैंस मुख्य तौर पर रिटेल व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित कर अपनी व्यावसायिक रणनीति में बदलाव ला रही है और उसका जोर वेतनभोगी वर्ग पर रहेगा।

बिजनेस स्टैंडर्ड बैंकिंग शो के लिए मनोजित साहा के साथ एक साक्षात्कार में प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी गिरीश कौसगी ने बताया कि उनकी योजना इस वित्त वर्ष ऋण बहीखाते में 17 प्रतिशत और वितरण में 22-23 प्रतिशत तक की वृद्धि करना है। पेश हैं मुख्य अंश:

-पीएनबी हाउसिंग ने अपने कॉरपोरेट ऋण में कमी की है। क्या आप मानते हैं कि कॉरपोरेट बहीखाते में कटौती पूरी हो गई है और अब इनमें फिर से तेजी शुरू होगी?

यह कॉरपोरेट ऋण को कम करने का एक प्रयास था, क्योंकि हमें दबाव का सामना करना पड़ रहा था। हमें करीब 35 प्रतिशत फंसे कर्ज यानी एनपीए से जूझना पड़ रहा था। एक बार तो कॉरपोरेट ऋण का बहीखाता 18,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया था। इसलिए हमने सबसे पहले एनपीए की समस्या सुलझाने, इसे घटाकर उचित स्तर पर लाने और फिर एक नई शुरुआत करने पर ध्यान दिया। अब यह बहीखाता घटकर 2,400 करोड़ रुपये रह गया है। कॉरपोरेट सकल एनपीए भी घटकर 3 प्रतिशत से नीचे रह गई हैं। हम रिटेल मोर्चे पर बढ़ने के लिए ही कॉरपोरेट व्यवसाय करेंगे। कॉरपोरेट के संदर्भ में हमारा मुख्य जोर निर्माण वित्त, खास बिल्डरों, खास परियोजनाओं और स्थानों पर रहेगा।

-पीएनबी हाउसिंग ने खुदरा ऋण मिश्रण में बदलाव लाने और वेतनभोगी वर्ग पर ज्यादा ध्यान देने की योजना बनाई है। इसकी क्या
वजह है?

हमने निर्णय लिया है कि जब हम कॉर्पोरेट ऋण बंद कर देंगे, तो हमें खुदरा क्षेत्र को तेजी से बढ़ाना चाहिए। रिटेल में, हमारा रुझान थोड़ा स्व-रोजगार की ओर झुका हुआ था, और यह वेतनभोगी लोगों की तुलना में अधिक जोखिम से जुड़ा हुआ है। इसलिए हमने सोचा है कि इसमें कमी की जानी चाहिए। यही वजह है कि हमने वेतनभोगी ऋणों पर ज्यादा जोर दिया है। समावेश के संदर्भ में, 65-70 प्रतिशत रिटेल ऋण वेतनभोगी श्रेणी के लिए दिए जाने चाहिए।

-आपकी कंपनी का ­वित्त वर्ष 2024 के लिए संपूर्ण ऋण वृद्धि लक्ष्य क्या है?

हमने 17 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया है। वितरण के संदर्भ में हमारा अनुमान 23-23 प्रतिशत है।

-क्या आपने ऊंची ब्याज दरों की वजह से आवास ऋण मांग पर प्रभाव महसूस किया है?

मैं बताना चाहूंगा कि मांग सभी क्षेत्रों में काफी मजबूत है। हालांकि प्रतिस्पर्धा भी है। हम सुपर प्राइम से दूर चले गए थे, क्योंकि उसमें काफी प्रतिस्पर्धा थी। सभी बड़े बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों ने इस सेगमेंट पर ध्यान केंद्रित किया। हम प्राइम में उन खास सेगमेंटों की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं जिनमें हम बहीखातों को ज्यादा फायदेमंद बना सकें।

आवास ऋणों – प्राइम, सुपर प्राइम, या अफॉर्डेबल- के लिए अच्छी मांग है। इसलिए हमारा वृद्धि अनुमान अनुरूप है और हम इसे हासिल करने में सफल होंगे। हमने लगभग 6 महीने पहले रोशनी नाम से किफायती आवास ऋणों की पेशकश शुरू की। इसे अच्छी प्रतिक्रिया मिली और बहीखाता पिछली तिमाही के अंत तक बढ़कर 750 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। जल्द ही हम इस सेगमेंट में 1,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लेंगे।

-आपने वित्त वर्ष के अंत तक सकल और शुद्ध एनपीए आंकड़ों के लिए क्या अनुमान जताया है?

हम हरेक तिमाही में सकल और शुद्ध एनपीए आंकड़े नीचे लाने पर ध्यान देंगे। रिटेल और कॉरपोरेट, दोनों मोर्चों पर आंकड़ों में सुधार लाने की कोशिश की जाएगी। सकल जीएनपीए 30 सितंबर 2023 तक 197 आधार अंक तक घटकर 1.78 प्रतिशत रह गई, जो पिछली तिमाही में 3.76 प्रतिशत थी।

First Published : November 21, 2023 | 10:51 PM IST