facebookmetapixel
वित्त मंत्री सीतारमण ने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को लिखा पत्र, GST 2.0 के सपोर्ट के लिए दिया धन्यवादAdani Group की यह कंपनी करने जा रही है स्टॉक स्प्लिट, अब पांच हिस्सों में बंट जाएगा शेयर; चेक करें डिटेलCorporate Actions Next Week: मार्केट में निवेशकों के लिए बोनस, डिविडेंड और स्प्लिट से मुनाफे का सुनहरा मौकाEV और बैटरी सेक्टर में बड़ा दांव, Hinduja ग्रुप लगाएगा ₹7,500 करोड़; मिलेगी 1,000 नौकरियांGST 2.0 लागू होने से पहले Mahindra, Renault व TATA ने गाड़ियों के दाम घटाए, जानें SUV और कारें कितनी सस्ती हुईसिर्फ CIBIL स्कोर नहीं, इन वजहों से भी रिजेक्ट हो सकता है आपका लोनBonus Share: अगले हफ्ते मार्केट में बोनस शेयरों की बारिश, कई बड़ी कंपनियां निवेशकों को बांटेंगी शेयरटैक्सपेयर्स ध्यान दें! ITR फाइल करने की आखिरी तारीख नजदीक, इन बातों का रखें ध्यानDividend Stocks: सितंबर के दूसरे हफ्ते में बरसने वाला है मुनाफा, 100 से अधिक कंपनियां बांटेंगी डिविडेंड₹30,000 से ₹50,000 कमाते हैं? ऐसे करें सेविंग और निवेश, एक्सपर्ट ने बताए गोल्डन टिप्स

डीजल कार मॉडलों की सुस्त हो रही रफ्तार

Last Updated- December 15, 2022 | 7:53 AM IST

डीजल कारों की बिक्री लगातार घट रही है क्योंकि देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में अंतर खत्म होने के साथ ही कार खरीदारों कार रुझान पेट्रोल मॉडलों की ओर बढ़ रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि मौजूदा परिदृश्य को देखते हुए ऐसा लगता है कि आगे भी पेट्रोल मॉडल पर खरीदारों का जोर बरकरार रहेगा।
अक्टूबर 2014 में डीजल कीमतों को नियंत्रणमुक्त किया गया था जिससे डीजल और पेट्रोल की कीमतों में अंतर धीरे-धीरे कम होने लगा था। मोतीलाल ओसवाल की एक हालिया अनुसंधान रिपोर्ट के अनुसार, डीजल कीमतों को नियंत्रणमुक्त किए जाने से पहले जून 2012 में इन दोनों ईंधन की कीमतों में अंतर 32 रुपये प्रति लीटर की ऐतिहासिक ऊंचाई पर था। जबकि डीजल कीमतों को नियंत्रणमुक्त किए जाने के बाद जुलाई 2015 में यह अंतर 21 रुपये प्रति लीटर रह गया और वित्त वर्ष 2020 में औसतन 7 रुपये प्रति लीटर तक घट गया।
जिनेश गांधी और विपुल अग्रवाल ने 24 जून को जारी अपनी रिपोर्ट में लिखा है, ‘बीएस-6 डीजल वाहन की शुरुआती स्वामित्व लागत बढऩे और डीजल कीमत में नरमी का कोई लाभ न मिलने के कारण डीजल वाहनों की हिस्सेदारी में आगे और गिरावट आएगी।’
हुंडई मोटर इंडिया के निदेशक (बिक्री एवं विपणन) तरुण गर्ग का कहना है कि ईंधन कीमतों में अंतर से बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘ग्राहक केवल ईंधन कीमतों को ध्यान में रखते हुए खरीदारी का निर्णय नहीं लेते हैं। बल्कि बेहतर टॉर्क और ईंधन कुशलता बड़ी भूमिका निभाते हैं।’ उन्होंने कहा कि कंपनी के डीजल मॉडलों के लिए बुकिंग की अच्छी प्रवृत्ति दिखी थी। गर्ग ने कहा कि क्रेटा, वेन्यू और वेरना के डीजल वेरिएंट्स की बिक्री में मासिक आधार पर वृद्धि दर्ज की गई है।
कार बाजार की अग्रणी कंपनी मारुति सुजूकी सहित कई अन्य कार विनिर्माताओं ने बीएस-6 वेरिएंट्स की ऊंची लागत का हवाला देते हुए डीजल मॉडलों का उत्पादन बंद कर दिया है।
इस बीच अन्य तमाम वाहन विनिर्माताओं ने डीजल कार की हिस्सेदारी में गिरावट दर्ज की हैं। दमदार डीजल पोर्टफोलियो वाली कंपनी टाटा मोटर्स ने हाल में अपने नेक्सन डीजल कार की बिक्री में 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की है। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा को बड़े एसयूवीब की बिक्री पर इसका कोई खास प्रभाव नहीं दिख रहा है और डीजल मॉडलों के लिए मांग लगातार जारी है।

First Published - June 27, 2020 | 12:56 AM IST

संबंधित पोस्ट