कार बनाने वाली कोरिया की कंपनी की भारतीय इकाई किया मोटर्स इंडिया जबरदस्त घरेलू मांग के मद्देनजर अपनी क्षमता उपयोगिता में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद कर रही है। कंपनी का मानना है कि आंध्र प्रदेश के अनंतपुर संयंत्र में उसकी क्षमता उपयोगिता का स्तर 2022 तक इष्टतम हो जाएगा। सरकार द्वारा हाल में घोषित उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) का लाभ लेने के लिए निर्यात बढ़ाए जाने से भी मात्रात्मक बिक्री को रफ्तार मिली है।
घरेलू बाजार में सोनेट और सेल्टॉस जैसे मॉडलों पर सवार किया मोटर्स इंडिया ने करीब दो साल पहले अपना पहला मॉडल उतारा था। किया मोटर्स इंडिया के कार्यकारी निदेशक एवं मुख्य बिक्री अधिकारी टीजे पार्क ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘हमारा मुख्य लक्ष्य अपने अत्याधुनिक अमृतसर संयंत्र में 3,00,000 वाहनों की शीर्ष उत्पादन क्षमता तक पहुंचना है। हमारे बाजार हिस्सेदारी के मुकाबले अधिक वाहनों की बिक्री ज्यादा महत्त्वपूर्ण है।’
घरेलू बाजार में महीना दर महीना मात्रात्मक बिक्री में लगातार वृद्धि के कारण हुंडई से संबद्ध कंपनी अपनी विनिर्माण इकाई में दो पाली में उत्पादन शुरू करने के लिए प्रेरित हुई। पार्क ने कहा, ‘हम 2022 तक 100 फीसदी क्षमता उपयोगिता हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
कंपनी काफी कम समय में शीर्ष पांच कार कंपनियों की सूची में पहुंच गई। अगस्त में दक्षिण कोरिया की इस वाहन कंपनी ने घोषणा की थी कि भारतीय बाजार में प्रवेश करने के बाद 11 महीनों के भीतर वह 1 लाख वाहनों के आंकड़े को पार कर चुकी है। उसने अपने सेल्टॉस मॉडल की बिक्री अगस्त 2019 में शुरू की थी और बादमें कार्निवल लक्जरी एमपीवी को उतारा था। इसी साल सितंबर में कंपनी ने एक कॉम्पैक्ट एसयूवी सोनेट को लॉन्च किया जो बाजार में विटारा ब्रेजा, महिंद्रा एक्सयूवी300, टाटा नेक्सन आदि वाहनों को टक्कर देगी।
पिछले महीने किया मोटर्स इंडिया कॉम्पैक्ट एसयूवी की बिक्री करने वाली सबसे बड़ी कंपनी बन गई। नवंबर में कंपनी ने 11,417 वाहनों की बिक्री की और कॉम्पैक्ट एसयूवी बाजार में 22.07 फीसदी हिस्सेदारी हासिल कर ली। यह काफी हद तक सुजूकी बे्रजा के बाजार को हथियाने में सफल रही। नवंबर में बे्रजा की बिक्री घटकर 7,833 वाहन रह गई जबकि एक महीना पहले 12,000 ब्रेजा की बिक्री हुई थी।
किया मोटर्स इंडिया के दमदार प्रदर्शन के बावजूद प्रतिस्पर्धा को लेकर पार्क बेखबर नहीं हैं। पार्क ने कहा, ‘आज भारतीय वाहन उद्योग में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा है जो आगे कहीं अधिक प्रतिस्पर्धी होगा। ऐसे में हमें पता है कि खुद को दूसरों से अलग बनाए रखने के लिए नवाचार पर लगातार ध्यान देने की आवश्यकता हैऔर उत्पादों में उन विशेषताओं को शामिल करने की जरूरत है जो उद्योग में अनोखी हो। बाजार में सेल्टॉस, कार्निवल की सफलता और सोनेट की शुरुआती सफलता के मद्देनजर हम निश्चित तौर पर कह सकते हैं कि हमारा अनुसंधान सही दिशा में है।’
आईएचएस मार्किट के सहायक निदेशक पुनीत गुप्ता ने भारत में किया मोटर्स की सफलता के बारे में कहा कि कंपनी ने प्रतिस्पर्धी कीमत पर अधिक सुविधाओं के साथ अपने उत्पाद उतारे हैं। उन्होंने कहा, ‘कंपनी एसयूवी बाजार पर जोर देने में सफल रही है जो काफी तेज रफ्तार से बढ़ रहा है।’
कारोबार पर वैश्विक महामारी के प्रभाव के बारे में बताते हुए पार्क ने कहा कि यह कंपनी के एि काफी चुनौतीपूर्ण समय रहा। उन्होंने कहा कि इस दौरान लगातार बदल रहे रुझान सबसे बड़ी चुनौती थी। उन्होंने कहा, ‘आज के ग्राहक काफी जागरूक हैं और वे बेहतरीन से कम पर कोई समझौता नहीं करना चाहते हैं। इसे समझने की जरूरत है।’
किया मोटर्स दुनिया के 70 से अधिक देशों को अपने वाहनों का निर्यात करती है जिनमें कुछ विकसित देश भी शामिल हैं। किया ने अप्रैल से अक्टूबर के बीच पहले सात महीनों के दौरान 20,819 वाहनों का निर्यात किया जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले लगभग आठ गुना है। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सायम के आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है।