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क्या वित्त मंत्रालय में ChatGPT, DeepSeek जैसे AI tools से जासूसी का खतरा है?

सरकारी दस्तावेजों और जानकारी की गोपनीयता के लिए संभावित जोखिम का हवाला देते हुए ऐसा कहा गया है। एक आंतरिक विभागीय एडवाइजरी से इसका खुलासा हुआ है।

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एजेंसियां   
Last Updated- February 05, 2025 | 11:13 PM IST

वित्त मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों को सरकारी कामकाज में चैटजीपीटी एवं डीपसीक सहित एआई टूल्स के उपयोग से बचने की सलाह दी है। सरकारी दस्तावेजों और जानकारी की गोपनीयता के लिए संभावित जोखिम का हवाला देते हुए ऐसा कहा गया है। एक आंतरिक विभागीय एडवाइजरी से इसका खुलासा हुआ है।
ऑस्ट्रेलिया और इटली जैसे देशों ने डेटा सुरक्षा संबंधी जोखिमों का हवाला देते हुए डीपसीक के उपयोग पर इसी तरह के प्रतिबंध लगाए हैं।

ओपनएआई के प्रमुख सैम ऑल्टमैन की भारत यात्रा से पहले मंगलवार को सोशल मीडिया पर इस एडवाइजरी की खबरें प्रसारित होने लगीं। ऑल्टमैन भारत के आईटी मंत्री से भी मुलाकात करेंगे।

वित्त मंत्रालय द्वारा 29 जनवरी को जारी की गई एडवाइजरी में कहा गया है, ‘ऐसा निर्णय लिया गया है कि कार्यालय के कंप्यूटरों और उपकरणों में एआई टूल्स और एआई ऐप (जैसे चैटजीपीटी, डीपसीक आदि) के उपयोग से डेटा (सरकारी) एवं दस्तावेजों की गोपनीयता के लिए जोखिम पैदा करते हैं।’

इस बाबत जानकारी के लिए वित्त मंत्रालय, चैटजीपीटी की मूल कंपनी ओपनएआई और डीपसीक को भेजे गए ईमेल का खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया। मगर वित्त मंत्रालय के तीन अधिकारियों ने इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि इसी सप्ताह आंतरिक तौर पर एक नोट जारी किया गया था।

हालांकि रॉयटर्स को तत्काल यह जानकारी नहीं मिल पाई कि क्या अन्य मंत्रालयों में भी इसी तरह के निर्देश जारी किए गए हैं।

भारत के शीर्ष मीडिया समूहों के साथ कॉपीराइट उल्लंघन के एक हाई-प्रोफाइल मुकदमे के कारण ओपनएआई को देश में आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। याचिका में कहा गया है कि देश में उसका कोई सर्वर मौजूद नहीं है और इसलिए भारतीय अदालतों को उसकी सुनवाई नहीं करनी चाहिए।

First Published : February 5, 2025 | 11:13 PM IST