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प्लास्टिक लगाएगा ऑटो क्षेत्र की बढ़ती कीमतों पर ब्रेक

Last Updated- December 06, 2022 | 10:42 PM IST

वाहनों की बढ़ती कीमतों की एक बड़ी वजह धातुओं की कीमत भी, लेकिन अब इस कीमत के बोझ से ऑटोमोबाइल निर्माता कंपनियों ने खुद को बचाने के लिए वाहनों में धातुओं की जगह इंजीनियरिंग प्लास्टिक का इस्तेमाल पर काफी ध्यान दे रही हैं।


देश के बड़ी ऑटोमोटिव निर्माता कंपनियां जैसे कि टाटा मोटर्स, अशोक लीलैंड, बजाज ऑटो, हीरो होंडा, टीवीएस मोटर्स और मारुति सुजुकी इंजन कम्पोनेंट में प्लास्टिक के इस्तेमाल को बढ़ा रही हैं। इसके पीछे एक अहम वजह धातुओं जैसे कि स्टील और एल्युमीनियम पर उनकी निर्भरता को कम करना है, जो सभी धातुएं पिछले 5 महीनों में 35-50 प्रतिशत की जबर्दस्त वृध्दि का सामना कर रही हैं।


प्लास्टिक के इस्तेमाल से कार के कुल वजन में लगभग 40 प्रतिशत की कमी आएगी, इससे खुद-ब-खुद वाहन की ईंधन में बचत भी बढ़ेगी। प्लास्टिक टूलिंग में आने वाली लागत पारंपरिक धातु आधारित टूलिंग प्रणाली से लगभग आधी है। टूलिंग एक प्रक्रिया है, जो फैक्टरी या किसी औद्योगिक इकाई को उत्पादन में जरूरी उपकरण मुहैया करवाती है।


बीएएसएफ के अध्यक्ष वूल्फगैंग हैप्के का कहना है, ‘भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता ऑटोमोटिव बाजारों में से एक है, लेकिन अन्य अंतरराष्ट्रीय बाजारों के मुकाबले यहां ऑटोमोबाइल में प्लास्टिक का इस्तेमाल आधे के लगभग है। यहां (भारत में) इस मामले में विकास की बहुत संभावानाएं है।


हमें भारतीय मूल उपकरण निर्माता कंपनियों (ओईएम) से काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली है और हमनें सभी प्रमुख ऑटो कंपनियों को मॉल सप्लाई करना शुरू कर दिया है। हमें अगले कुछ वर्षों में अपनी सप्लाई दोगुना होने की उम्मीद है।’


बीएएसएफ दुनिया की प्रमुख केमिकल कंपनी है, जिसका राजस्व लगभग 5800 करोड़ यूरो के बराबर है। इस कंपनी का लगभग 13 फीसदी राजस्व ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग प्लास्टिक से प्राप्त होता है। यह जनरल मोटर्स, फोर्ड, फोक्सवैगन के साथ-साथ और भी कंपनियों को सप्लाई करती है, जिनमें से अधिकतर भारत में पहले से ही मौजूद हैं। इन कंपनियों ने भारतीय कारों के लिए बीएएसएफ से इंजीनियरिंग प्लास्टिक खरीदना शुरू कर दिया है।


कंपनी भारत के सबसे अधिक महत्वकांक्षी वाहन परियोजना, टाटा मोटर्स की नैनो कार, के लिए भी सप्लाई करेगी। नैनो में ऐसे इंजीनियरिंग प्लास्टिक के कंपोनेंट इस्तेमाल किए जाएंगे जो बीएएसएफ सप्लाई करेगी। इससे कार का वजन कम करने में मदद मिलेगी, जो ईंधन की बचत को बढ़ाने में मुख्य किरदार निभाएगा। कंपनी बजाज ऑटो और रेनो के साथ-साथ अन्य कंपनियों से भी बात करेगी जो बेहद कम कीमत वाले वाहन बनाने की योजना बना रही हैं।


वाहनों में प्लास्टिक के इस्तेमाल के लाभ बताते हुए टीवीएस मोटर्स की वरिष्ठ अधिकारी का कहना है, ‘कार का वजन कम करने के अलावा हम इंजीनियरिंग प्लास्टिक के साथ कंपोनेंट को वही रूप और स्टाइल दे सकते हैं जैसा हम चाहते हैं और वह भी धातुओं की लागत के एक छोटे से हिस्से में। यह आधुनिक युग का प्लास्टिक काफी लचीला, टिकाऊ होने के साथ-साथ बहुत मजबूत भी है।’


इसके अलावा प्लास्टिक को धातु की तरह नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता, इसी वजह से प्लास्टिक अपने प्रतिद्वंदी धातु से अधिक वर्ष तक सही रहता है। इससे धुएं के स्तर में भी कमी होती है।

First Published - May 9, 2008 | 11:26 PM IST

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