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महामारी से तबाह कर्मियों को मदद देगी बजाज ऑटो

Last Updated- December 12, 2022 | 4:51 AM IST

तिपहिया और दोपहिया की सबसे बड़ी भारतीय निर्यातक कंपनी बजाज ऑटो ने नई मानव संसाधन नीति लागू की है, जिसके तहत महामारी से तबाह कंपनी के कर्मचारियों के परिवारों को अतिरिक्त सहायता की पेशकश की जाएगी। अगर किसी कर्मी की कोविड-19 के कारण मौत हो जाती है तो कंपनी उसके परिवार को दो साल तक मौद्रिक सहायता की पेशकश करेगी।
साथ ही कंपनी उस कर्मी के आश्रित बच्चों को उनकी पसंद के मुताबिक स्नातक तक की शिक्षा में मदद करेगी। इसके अतिरिक्त पुणे की कंपनी उस कर्मी के परिवार के सभी सदस्योंं को पांच साल का बीमा (हॉस्पिटलाइजेशन) भी मुहैया कराएगी।

नई नीति कंपनी की उस पहल के अतिरिक्त है जो उसने पिछले एक साल में शुरू की है। कोविड ने बताया है कि कर्मचारियों की मानसिक स्थिति भी उसकी शारीरिक स्थिति जैसी ही अहम है और समग्र तरीके से उनकी देखभाल की जानी चाहिए। कंपनी ने एक बयान में ये बातें कही।
बजाज ऑटो के प्रबंध निदेशक राजीव बजाज ने कंपनी द्वारा चलाई गई विभिन्न पहलों की जानकारी देते हुए कहा, ‘हम बजाज ऑटो के किसी भी परिवार की हरसंभव मदद करेंगे, जिसे कार्य के दौरान इस महाकारी का सामना करते हुए अपने किसी सदस्य की मौत की वजह से नुकसान हुआ हो।’

बजाज ऑटो भी एचसीएल टेक्नोलॉजीज जैसी कंपनियों की जमात में शामिल हो गई है जिन्होंने मारे गए कर्मचारी के परिवार की मदद के लिए इसी तरह की पहलें शुरू की हैं। वित्तीय योगदान के अलावा, बजाज ऑटो ने अपने विभिन्न कोविड केयर केंद्रों पर उपचार जांच सेवाएं पेश की हैं। कंपनी ने ये कोविड सेंटर पिछले साल महामारी फैलने के बाद स्थापित किए। उसने अपने उन इंजीनियरों को भी सहायता की पेशकश की है जिन्होंने महाराष्ट्र में विभिन्न जिलों के 70 से ज्यादा अस्पतालों में ऑक्सीजन व्यवस्था की जांच के लिए सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर काम किया, जिससे कि इस कीमती गैस के दुरुपयोग को रोका जा सके। उसने अकुर्डी, वलुज, चाकन, पंतनगर में अपने संयंत्रों में कोविड केंद्र स्थापित किए हैं। इनमें जहां कुछ बिस्तर कंपनी के कर्मचारियों और उसके स्टाफ के लिए आरक्षित हैं, वहीं शेष बिस्तर संबद्घ समुदायों की जरूरतें पूरी कर रहे हैं।
वलुज केंद्र को कमलनयन बजाज हॉस्पीटल के संरक्षण में स्थापित किया गया है। यह कोविड केंद्र जून 2020 में 36 बिस्तरों के साथ शुरू किया गया और तब से यह क्षमता बढ़ाकर 200 बिस्तर तक की जा चुकी है। इसकी शुरुआत बजाज ऑटो के श्रमिकों और उनके परिवारों के लिए की गई थी, लेकिन अब सिर्फ उसके कर्मचारी ही नहीं बल्कि संयंत्र के आसपास के अन्य लोग भी इसका लाभ उठा रहे हैं।
वलुज में विभिन्न पहलों के तहत, प्राइमरी हेल्थ सेंटर में ऑक्सीजन उत्पादन परियोजना का भी हाल में उदघाटन किया गया है। इस परियोजना को जानकीदेवी बजाज फाउंडेशन की ओर से स्थापित किया गया है। बजाज समूह ने विभिन्न सरकारी, स्थानीय प्रशासन और एनजीओ पहलों के लिए 300 करोड़ रुपये खर्च करने का वादा किया है, जिनमें पिछले साल महामारी की शुरुआत के बाद से 12 ऑक्सीजन संयंत्रों और कई अन्य रेस्पिरेटरी सहायता उपकरणों की खरीद भी शामिल हैं।

First Published - May 14, 2021 | 12:01 AM IST

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