facebookmetapixel
सोना-चांदी में फिर तेजी: बिकवाली के बाद लौटी चमक, 1979 के बाद सबसे अच्छे वर्ष की राह पर2025 में म्युचुअल फंड्स में नए निवेशकों की रफ्तार धीमी, बाजार की अस्थिरता बनी बड़ी वजहजापान को पीछे छोड़ दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना भारत: सरकार2025 में निवेशकों को लगे बड़े झटके, सोना चमका तो मिडकैप-स्मॉलकैप फिसले; 2026 में इससे बचना जरूरी!Year Ender 2025: SIP निवेश ने तोड़ा रिकॉर्ड, पहली बार ₹3 लाख करोड़ के पारMidcap Funds Outlook 2026: रिटर्न घटा, जोखिम बढ़ा; अब मिडकैप फंड्स में निवेश कितना सही?Share Market: लगातार 5वें दिन बाजार में गिरावट, सेंसेक्स-निफ्टी दबाव मेंYear Ender: 42 नए प्रोजेक्ट से रेलवे ने सबसे दुर्गम इलाकों को देश से जोड़ा, चलाई रिकॉर्ड 43,000 स्पेशल ट्रेनें2026 में भारत-पाकिस्तान में फिर होगी झड़प? अमेरिकी थिंक टैंक का दावा: आतंकी गतिविधि बनेगी वजहपर्यटकों को आकर्षित करने की कोशिशों के बावजूद भारत में पर्यटन से होने वाली कमाई इतनी कम क्यों है?

कॉमनवेल्थ खेलों से ढेरों कमाने की तैयारी में उप्र

Last Updated- December 07, 2022 | 11:01 AM IST

दिल्ली में 2010 में होने वाले कॉमनवेल्थ खेलों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजना तैयार की है।


उत्तर प्रदेश जलपान योजना 2008 के तहत पर्यटकों के नाश्ते का प्रबंध आम लोगों के घरों में किया जाएगा। इस योजना के तहत विदेशी पर्यटकों को घरेलू परिवारों में टिकाया जाएगा, जिसकी व्यवस्था वास्तव में ‘पेइंग गेस्ट’ प्रणाली की तर्ज पर होगी।

देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने ‘अतुल्य भारत जलपान प्रतिष्ठान’ के तहत ही ‘उत्तर प्रदेश जलपान योजना 2008’ की घोषणा की है। क्योंकि 2010 में होने वाले कॉमनवेल्थ खेलों की मेजबानी दिल्ली कर रही है, इसलिए इस योजना का विशेष महत्त्व है। यह उम्मीद की जा रही है कि खेल के दौरान देश में लाखों पर्यटक आएंगे।

भारत अपनी संस्कृति और परंपराओं के जरिए दुनिया की कई जगहों से जुड़ा हुआ है और अब भारत इसी आधार पर कॉमनवेल्थ खेल में राजस्व की उगाही करेगा और साथ ही उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग भी अपने राज्य के लिए धन जुटाएगा। इस नई योजना के तहत उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग विदेशी पर्यटकों के लिए परंपरागत शैली को ज्यादा तवज्जो देगा। परंपरागत शैली विदेशी पर्यटकों के लिए आर्थिक रूप से लाभप्रद तो होगी ही, साथ ही पर्यटकों को हमारे देश की परंपरागत जीवन शैली के साथ जुड़ने का मौका भी मिलेगा।

राज्य पर्यटन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘विदेशी पर्यटन यह जानने के बेहद इच्छुक होते हैं कि भारतीय परिवारों का रहन-सहन कैसा होता है और वे अपने रोजमर्रा के जीवन में काम कैसे करते हैं। लिहाजा इस योजना के जरिए हम विदेशी पर्यटकों को भारतीय घरों के अनुभवों से अवगत कराने की कोशिश करेंगे।’ अभी तक उत्तर प्रदेश के करीब 23 घरों (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को छोड़कर) ने चार महीने पुरानी योजना के तहत पहले ही पंजीकरण करा लिया है। इस बाबत करीब 74 कमरों को सूचीबध्द किया जा चुका है। अन्य कमरों को सूचीबध्द करने के सिलसिले में जांच प्रक्रिया जारी है।

शहर के निवासी इस योजना को काफी सराह रहे हैं। जहां एक ओर निवासियों को आय के अतिरिक्त साधन मुहैया होंगे वहीं विदेशी-राष्ट्रीय एकता को पिरोने का भी मौका भी मिलेगा। हालांकि विदेशी पर्यटकों के लिए भी यह बेहद सुहाना मौका होगा। विदेशी पर्यटक न केवल स्वतंत्र रूप से और किसी परेशानी से मुक्त होकर इन आवासों में रहेंगे बल्कि यहां के भारतीय परिवारों में रहते हुए वे भारतीय संस्कृति, सभ्यता और अनुभवों को भी बेहतर तरीके से समझ सकेंगे। वे यहां के मशहूर भारतीय जायकों का भी भरपूर आनंद उठा सकेंगे।

जलपान योजना के अनुसार घर में रहने की सुविधा को तीन श्रेणियों-प्रीमियम, गोल्ड और सिल्वर में वर्गीकृत किया गया है। जो भी निवासी पर्यटकों को निवास देना चाहते हैं, उन्हें सबसे पहले आवेदन पर भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय से स्वीकृति प्राप्त करनी होगी।

First Published - July 14, 2008 | 10:20 PM IST

संबंधित पोस्ट