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कोरबा में समय से उत्पादन

Last Updated- December 07, 2022 | 4:44 AM IST

एनटीपीसी के कोरबा सुपर थर्मल पावर स्टेशन (केएसटीपीएस) की 500 मेगावाट क्षमता की 7वीं यूनिट में बिजली उत्पादन का काम फरवरी 2010 से शुरू हो जाएगा।


उम्मीद है कि इस परियोजना के विस्तार का काम निर्धारित समय पर निपटा लिया जाएगा। परियोजना के निर्माण कार्य का निरीक्षण कर रहे एनटीपीसी के अध्यक्ष (प्रोजेक्ट) कैलाश बिहारी दुबे ने बताया, ‘केएसटीपीएस की 7 वीं यूनिट द्वारा बिजली उत्पादन का कार्य फरवरी 2010 तक शुरू कर दिया जाएगा।

परियोजना के विस्तार का काम अपने सुनियोजित तरीके से चलता रहा तो इसे निर्धारित समय सीमा से पहले भी पूरा किया जा सकता है।’ इस परियोजना से जुड़े अन्य अधिकारियों को भी पूरी उम्मीद है कि इसे नियत तिथि से पहले ही पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि, इन सब के बीच  इस नई यूनिट को हो रही पानी में  कटौती थोड़ी मायूस कर सकती है।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने केएसटीपीएस को सप्लाई की जाने वाली पानी में पहले भी कटौती की थी। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिानेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘अगर सरकार पानी की मात्रा में कोई कमी नहीं करती है या फिर पहले की तरह ही पानी के मात्रा को बनाए रखती है तो कंपनी को नई यूनिट के लिए अतिरिक्त पानी की आवश्यकता नहीं होगी।

मसलन केएसटीपीएस को पानी की जो मात्रा मिलती है वह मिलती रहनी चाहिए।’ हालांकि राज्य सरकार ने बताया कि एनटीपीसी के  अनुरोध पर ही पानी की सप्लाई में कटौती की गई थी। दूसरी ओर सूत्रों ने बताया कि यूनिट के विस्तार और नए प्लांट में हो रहे विकास को लेकर राज्य सरकार और एनटीपीसी के मतों में भिन्नता है। दूबे ने बताया कि राज्य में प्रस्तावित 4000 मेगावाट बिजली परियोजना के लिए छत्तीसगढ़ स्थित रायगढ़ जिले के लारा क्षेत्र को लेकर राज्य सरकार से बातचीत जारी है।

First Published - June 10, 2008 | 10:27 PM IST

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