मुंबई के रियल एस्टेट बाजार की यह एकदम जुदा सूरत है। करोड़ों रुपये की परियोजनाएं शुरु करने वाले आज खामोश बैठे हैं।
कंक्रीट मिक्सर का शोर थम चुका है और बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घरों लौट चुके हैं। अर्थव्यवस्था में मंदी, ऊंची ब्याज दरों, कर्ज में कमी और शेयर बाजार के औंधे मुंह गिरने के कारण देश की वित्तीय राजधानी में डेवलपर्स पूंजी के संकट से धिर गए हैं।
तेजी का आलम यह था कि पिछले तीन वर्षो के दौरान कुछ इलाकों में जमीन की कीमत चार गुना तक बढ़ गई हैं। रियल एस्टेट सलाहकार कंपनी सीबी रिचर्ड एलियास के दक्षिण एशिया में प्रबंध निदेशक अंशुमान मैग्जीन ने बताया कि तरलता की कमी के अलावा रियल एस्टेट में आत्मविश्वास का भी संकट है।
उन्होंने बताया कि ‘यदि गिरावट होती है तो हमें खाली भवन और आधी बनी इमारतें देखने को मिलेंगी। इससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा… अभी हम ढांचागत सुविधाओं के लिहाज से भी काफी पीछे हैं।’
30 फीसदी गिरावट
गोल्ड मैन सैक्स की आर्थिक शोध रिपोर्ट के मुताबिक भारत के प्रापर्टी बाजार में अभी 30 प्रतिशत तक की गिरावट होगी। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि कीमतों में गिरावट का अर्थव्यवस्था और निर्माण उद्योग पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
पूछताछ घटी
रेटिंग एजेंसी आईसीआरए के मुताबिक अब रियल एस्टेट क्षेत्र में विदेशी निवेश नहीं आ रहा है और जोखिम बढ़ जाने के कारण बैंक भी कर्ज देने में हिचक रहे हैं। निजी इक्विटी फर्म और ग्लोबल बैकों ने बाजार से हाथ खींच लिए हैं जबकि बैंक आवास ऋण देने से पहले बेहतर सुरक्षा और अधिक मार्जिन आवश्यकताओं की मांग कर रहे हैं।
सीबी रिचर्ड एलिस के मुताबिक पूरे साल भर ऑफिस स्पेस के लिए लोगों की पूछताछ घटती रही है और दक्षिणी मुंबई में नरीमन प्वाइंट जैसे पॉश इलाकों में किराया 10 से 15 प्रतिशत तक घट गया है।
बैंकों और साफ्टवेयर फर्मों द्वारा विस्तार योजना को टालने के कारण वर्ली और परेल जैसे कारोबारी जिलों में किराया घटा है और आगे इसमें और कमी आने का अनुमान है। आईसीआरए के मुताबिक ‘कार्यशील पूंजी में कमी के कारण परियोजनाओं के क्रियान्वयन में देरी हो रही है।’ आईसीआरए ने हाल में कई रियल एस्टेट फर्मों की रेटिंग घटाई है।
तोहफे का चलन
निराश डेवलपर अब ब्रेकरों को पहली बार कमीशन दे रहे हैं, मोलतोल किया जा रहा है और फर्नीचर, घरेलू सामान, ज्वैलरी और कार के जरिए भी ग्राहकों को रिझाने की जा रही है।
लोढ़ा समूह के निदेशक अभिषेक लोढ़ा ने बताया कि यह बाजार बोनस और शेयर बाजार से मिलने वाले रिटर्न पर आधारित है, जो मौजूदा मंदी से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है।
हौसले भी कमजोर पडे
मुंबई के रियल स्टेट बाजार में तरलता के साथ ही आत्मविश्वास की कमी
आने वाले दिनों में वाणिज्यिक और आवासीय प्रॉपर्र्टी के दामों में 30 फीसदी कमी का अनुमान
दक्षिणी मुंबई के नरीमन प्वाइंट जैसे पॉश इलाकों में किराया 15 प्रतिशत तक घटा
बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर घर वापस लौटे