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नहीं होगी निवेशकों की बैठक

Last Updated- December 07, 2022 | 10:45 AM IST

सार्वजनिक निजी समझौते के एजेंडे को आगे बढ़ाने और इस बारे में निगमित कंपनियों से सहयोग प्राप्त करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नई दिल्ली में बुलाई गई निवेशकों की कल होने वाली बैठक को स्थगित कर दिया गया है।


इस बैठक के लिए आवश्यक सभी कामों को पूरा कर लिया गया था। सभी निवेशकों, बैंकों, कार्पोरेट हाउसों, औद्योगिक चैंबरों और चुने हुए देशों के प्रतिनिधियों को इसके लिए निमंत्रण पत्र भी भेज दिये गये थे। इस बैठक में उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती का उनके उच्च अधिकारियों के साथ आना भी प्रस्तावित था। राज्य के उच्चस्तरीय अधिकारियों ने इस बैठक को स्थगित करने का फैसला कल रात को लिया।

बैठक को स्थगित करने का कोई बड़ा कारण नहीं बताया गया है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि बैठक को स्थगित करने के पीछे अमेरिका से होने वाली नाभिकीय ऊर्जा संधि के कारण बदलते  राजनैतिक समीकरण और सीबीआई द्वारा मायावती के ऊपर आय से अधिक संपति रखने के आरोपों को बताया जा रहा है। सरकार के एक उच्च अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि बैठक के लिए अगली तारीख की घोषणा अभी नहीं की गई है। 

अधिकारी ने यह भी बताया कि इतनी तेजी से बदलती राजनैतिक परिस्थितियों में इस बैठक को आयोजित कराना संभव नहीं था, क्योंकि इस बैठक में कई मुख्य व्यक्तियों के अनुपस्थित होने की उम्मीद थी। इसके अलावा सूत्रों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को यह भी बताया कि कुछ आला अधिकारी व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा के चलते राज्य में निवेश की क्षमता को दिखाने वाली इस बैठक का आयोजन करवाना नहीं चाहते थे। सूत्रों ने यह भी बताया कि इस बैठक को लेकर निवेशकों में काफी उत्साह था। यहां तक की अंबानी बंधुओं और यूबी ग्रुप ने इस बैठक में आने के लिए अपनी उपस्थिति को पहले ही निश्चित कर दिया था।

इस बैठक का आयोजन करने वाले एक अधिकारी का कहना है कि इस बैठक का स्थगित होना कारोबार और निवेश के वातावरण में सवाल पैदा करता है। इससे सरकार द्वारा कारोबारी सुधार के लिए उठाए जाने वाले कदमों को कुछ समय आगे धकेल दिया गया है। राज्य सरकार की इच्छा थी की राज्य में औद्योगिक विकास के लिए बुनियादी ढांचा, शिक्षा, स्वास्थय और पर्यटन में भारी निवेश हो।

औद्योगिक सचिव अर्चना अग्रवाल का कहना है कि इस बैठक के द्वारा विभिन्न क्षेत्रों के लिए न केवल निवेश को जुटाया जाना था, वरन उद्योग जगत से जुड़े लोगों के सामने इस बात को भी साबित करना था कि औद्योगिक विकास हेतु राज्य में राजनैतिक चेतना की कोई कमी नहीं है। इससे पहले गुजरात और मध्य प्रदेश सरकार को निवेश सम्मेलन के आयोजन से काफी कामयाबी मिली थी। मध्य प्रदेश सरकार ग्वालियर और बुंदेलखंड में निवेश सम्मेलन का आयोजन कर चुकी है। इससे सबक लेते हुए उत्तर प्रदेश में भी जोरदार तैयारी की गई थी।

इस बैठक के दौरान प्रदेश के सभी आला अधिकारी मौजूद रहने वाले थे और प्रमुख औद्योगिक घरानों और कंपनियों को बैठक में लाने के लिए अधिकारियों की एक विशेष टीम भी बना दी गई थी। अधिकारियों ने बताया कि इस निवेशक बैठक में देशी उद्योगपतियों के अलावा प्रदेश में निवेश के इच्छुक कई देशों के प्रतिनिधि भी आने वाले थे।

ऐसे में बैठक के स्थगित होने से निवेशक निराश हो सकते हैं। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में निवेश के लिए उद्योगपति तैयार हैं। राज्य में इलाहाबाद के पास निजी क्षेत्र के सहयोग से दो बिजली संयंत्रों की स्थापना की जा रही है। इसके अलावा गंगाएक्सप्रेसवे सहित कई बड़ी ढांचागत परियोजनाओं का विकास भी किया जा रहा है।

माया पर लगा ग्रहण

परमाणु करार पर तकरार के बाद राजनीतिक समीकरणों के बदलने के कारण रद्द हुई निवेशक बैठक
नई दिल्ली में होने वाली बैठक में बैंकर, कॉर्पोरेट हाउस, औद्योगिक चैंबर और चुनिंदा देशों के प्रतिनिधि शामिल होने वाले थे। अगली तारीख की घोषणा अभी नहीं 

First Published - July 13, 2008 | 10:11 PM IST

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