facebookmetapixel
मुंबई में 14 साल में सबसे अधिक संपत्ति रजिस्ट्रेशन, 2025 में 1.5 लाख से ज्यादा यूनिट्स दर्जसर्वे का खुलासा: डर के कारण अमेरिका में 27% प्रवासी, ग्रीन कार्ड धारक भी यात्रा से दूरBank Holiday: 31 दिसंबर और 1 जनवरी को जानें कहां-कहां बंद रहेंगे बैंक; चेक करें हॉलिडे लिस्टStock Market Holiday New Year 2026: निवेशकों के लिए जरूरी खबर, क्या 1 जनवरी को NSE और BSE बंद रहेंगे? जानेंNew Year Eve: Swiggy, Zomato से आज नहीं कर सकेंगे ऑर्डर? 1.5 लाख डिलीवरी वर्कर्स हड़ताल परGold silver price today: साल के अंतिम दिन मुनाफावसूली से लुढ़के सोना चांदी, चेक करें ताजा भाव2026 के लिए पोर्टफोलियो में रखें ये 3 ‘धुरंधर’ शेयर, Choice Broking ने बनाया टॉप पिकWeather Update Today: उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड और घना कोहरा, जनजीवन अस्त-व्यस्त; मौसम विभाग ने जारी की चेतावनीShare Market Update: नए साल से पहले बाजार में जोरदार तेजी, सेंसेक्स 650 अंक उछला; निफ्टी 26150 के पारStocks To Watch Today: डील, डिमांड और डिफेंस ऑर्डर, आज इन शेयरों पर रहेगी बाजार की नजर

प्रॉपर्टी डीलरों की चांदी

Last Updated- December 07, 2022 | 3:40 PM IST

दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की हाउसिंग स्कीम-2008 की घोषणा के साथ ही दिल्ली व आस-पास के इलाकों के प्रॉपर्टी डीलरों की चांदी हो गयी है।


हर प्रॉपर्टी डीलर अपने रिश्तेदार व कर्मचारियों के नाम पर कम से कम 10-12 फार्म भरने की तैयारी में है। इस कारण सामान्य श्रेणी के असली खरीदारों को डीडीए के दाम पर मकान मिलने की संभावना काफी कम हो गयी है।

रोहिणी के प्रॉपर्टी डीलर ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि वह डीडीए के मकानों के लिए कम से कम 10 फार्म भरेगा। उसने बताया कि दस फार्म भरने में उसे अधिकतम 60,000 रुपये खर्च करने पड़ेंगे। लेकिन एक भी फार्म के नाम मकान निकल गया तो उसकी लॉटरी निकल जाएगी। वह उस मकान को लगभग दोगुने दाम पर बेच देगा। यानी कि नुकसान के नाम पर सिर्फ 60,000 रुपये तो कमाई के नाम पर कम से कम 6-8 लाख रुपये।

एक अनुमान के मुताबिक दिल्ली में बड़े व छोटे प्रॉपर्टी डीलरों की संख्या 50,000 से अधिक है। ऐसे में हर डीलर दो-दो फार्म भी भरता है तो यह संख्या एक लाख पहुंच जाती है। डीडीए के मकानों की संख्या 5 हजार है और इनमें से 28 फीसदी आरक्षित है। ऐसे में सामान्य श्रेणी वालों के लिए मात्र 3600 मकान ही आवंटन के लिए बच जाते हैं। प्रॉपर्टी डीलरों का यह भी कहना है कि उनकी पूरी कोशिश होगी कि डीडीए के मकान भी बाजार कीमत पर बिके।

First Published - August 6, 2008 | 9:58 PM IST

संबंधित पोस्ट