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सिर चढ़ कर बोलेगा हाइब्रिड कार का जलवा

Last Updated- December 07, 2022 | 9:46 PM IST

किसी कार का प्रदूषण स्तर शून्य हो और यह एक लीटर पेट्रोल में 30-32 किलोमीटर चलती हो तो आप यही सोचेंगे कि काश, यह कार मेरी होती।

बहुत जल्द आपका यह सपना साकार होने वाला है।राष्ट्रमंडल खेल से पहले दिल्ली की सड़कों पर ऐसी ही कारों के दौड़ने की पूरी उम्मीद है। इस प्रकार की हाइब्रिड कार की उम्मीद को अंजाम देने में जुटे हैं दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के छात्र।

जिन्होंने महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी की मदद से इस प्रकार की ‘कांसेप्ट कार’ का परीक्षण भी कर लिया है। इस कार को जनमानस का बनाने के लिए अब इंडियल ऑयल कंपनी लिमिटेड (आईओसीएल) जैसी कंपनी छात्रों की मदद कर  रही है।

इस प्रोजेक्ट से जुड़े छात्रों के मुताबिक कार पेट्रोल के साथ बिजली से भी चलेगी। कार के इंजन की खासियत यह है कि इसमें कंटिन्यूअस वेरिअबल ट्रांसमिशन (सीवीटी)  लगा है जिससे यह जररूत के हिसाब ले अपने आप बिजली से पेट्रोल पर या फिर पेट्रोल से बिजली पर शिफ्ट हो जाएगा।

प्रोजेक्ट से जुड़े आदित्य चौहान कहते हैं, ‘अल्टो या जेन जैसी पेट्रोल कार को आसानी से हाइब्रिड कार बनायी जा सकती है और इसमें अधिकतम खर्च 70 हजार रुपये का होगा। एक बार इस प्रकार की कार सड़क पर आ गयी तो कार निर्माता कंपनी बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन कर सकती है।’

डीसीई के निदेशक पी बी शर्मा ने बताया कि इस योजना को अंतिम रूप देने के लिए आईओसीएल ने 18 लाख रुपये की मदद दी है। इसके अलावा कई अन्य बड़ी कंपनियां भी इस ‘कांसेप्ट’ में दिलचस्पी दिखा रही है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 में दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेल के साथ विश्व हॉकी कप का भी आयोजन निर्धारित है। इस दौरान इस कार को सड़क पर उतारने का सबसे अच्छा मौका होगा।

दिल्ली के साथ बेंगलुरू इस कार के लिए अच्छा बाजार साबित हो सकता है। चौहान कहते हैं, ‘टोयटा और होंडा सिविक ने भी ऐसी हाइब्रिड कारें बनायी है लेकिन उसे भारत में लाने पर उसकी लागत काफी अधिक होगी।



 

First Published - September 20, 2008 | 3:02 PM IST

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