हाई-टेक हुई चुनाव प्रचार की जंग

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 10, 2022 | 8:17 PM IST

लोकसभा चुनाव को शुरू होने में एक महीने से भी कम का समय बचा है और इधर दो प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी मतदाताओं को रिझाने के लिए कमर कस ली है।
सबसे मजेदार बात है कि इस दफा दोनों ही पार्टियों ने चुनाव प्रचार के परंपरागत तरीकों से एक कदम आगे बढ़ते हुए कैंपेन के हाई-टेक नुस्खों को भी अपनाना शुरू कर दिया है।
यह पहली बार है जब राजनीतिक पार्टियां नई पीढ़ी के मतदाताओं को रिझाने के लिए हाई-टेक तकनीकों का सहारा लिया है। उत्तर प्रदेश में राजनीतिक पार्टियां मोबाइल संदेश (एसएमएस), इंटरनेट, ऑडियो-वीडियो प्रचार, एफएम रेडियो, शुल्क रहित (टोल फ्री) टेलीफोन लाइनों के जरिए चुनाव प्रचार के मैदान में उतरी हैं।
हालांकि, जन बैठकों, बैनरों, प्रिंट मीडिया, होर्डिंग और पार्टी के झंडों के जरिए प्रचार का सिलसिला भी जारी है। राज्य से लोकसभा की 80 में से 9 पर कांग्रेस का कब्जा है और इस दफा पार्टी युवा मतदाताओं को रिझाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है।
कांग्रेस के प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हम मतदाताओं से व्यक्तिगत तौर पर संपर्क साधने के लिए एसएमएस और ईमेल का सहारा लेंगे। इसके अलावा कुछ चुनिंदा एफएम चैनलों के जरिए भी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार किया जाएगा।’
उन्होंने बताया कि पार्टी ने ऐसे करीब एक लाख मतदाताओं का डाटाबेस तैयार किया है जिन्हें एसएमएस और ईमेल के जरिए संपर्क किया जा रहा है। इसके अलावा, पार्टी राज्य में जल्द ही एक टोल फ्री नंबर शुरू करेगी जिसके जरिए मतदाता चुनाव और पार्टी उम्मीदवारों के बारे में जानकारी ले सकेंगे।
इस हाईटेक जंग में भाजपा भी पीछे नहीं है, जिसके  पास राज्य से 10 सांसद हैं। पार्टी पहले ही जिला मुख्यालय में एक सूचना तकनीक (आईटी) सेल का गठन कर चुकी है। चुनाव को ध्यान में रखते हुए इसमें आईटी पेशेवरों की नियुक्ति की जा चुकी है।
भाजपा नेता हृदय नारायण दीक्षित ने बताया, ‘हम मतदाताओं को उनके मोबाइल पर संदेश भेजेंगे। इसके अलावा पार्टी के वेबसाइट पर इंटरनेट से जुड़े मतदाताओं के साथ संपर्क बिठाने की व्यवस्था पहले से ही मौजूद है।’
दीक्षित ने कहा, ‘राज्य के शिक्षित युवा भाजपा के साथ हैं। आडवाणी की वेबसाइट पर बड़ी तादाद में उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं के आवेदन आए हैं जो उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के प्रबंधन में मदद करना चाहते हैं।’ उन्होंने बताया कि अगले दो दिनों में ऐसे सभी आवेदकों की बैठक लखनऊ में बुलाई जाएगी।

First Published : March 16, 2009 | 11:40 PM IST