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छत्तीसगढ़ का केंद्र पर देरी का आरोप

Last Updated- December 07, 2022 | 4:07 PM IST

छत्तीसगढ़ में प्रस्तावित अल्ट्रा मेगा बिजली परियोजना (यूएमपीपी) एक बार फिर विवादों में पड़ती दिख रही है। राज्य सरकार ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ में परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए केन्द्र गंभीर नहीं है।


छत्तीसगढ़ राज्य बिजली बोर्ड (सीएसईबी) के अध्यक्ष राजीव रंजन ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि ‘लगता  है कि राज्य में बिजली परियोजना को आगे बढ़ाने में केन्द्रीय बिजली मंत्रालय की अधिक रुचि नहीं है क्योंकि जमीन के चयन और अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने में देरी की जा रही है।’

हाल में नई दिल्ली में हुई बैठक के दौरान बिजली मंत्रालय ने परियोजना के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सारगुजा जिले में प्रस्तावित जमीन को खारिज कर दिया। राज्य सरकार के प्रस्ताव को खारिज करने के पीछे केन्द्र सरकार ने एक तर्क यह दिया कि इस जगह पर परियोजना के विकास से बड़ी संख्या में पेड़ों को काटना पड़ेगा।

मंत्रालय ने अब भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की को सर्वेक्षण करने और स्थान का सुझाव देने के लिए नियुक्त किया है। परियोजना के स्थान का चयन करते समय कोयले और पानी की उपलब्धता और पर्यावरण के प्रभावों को ध्यान में रखा जाएगा।

छत्तीसगढ़ उन पांच राज्यों में शामिल है जहां केन्द्र सरकार ने 4,000 मेगावाट के यूएमपीपी की स्थापना की पेशकश की है। हालिया बैठक के दौरान महाराष्ट्र, उड़ीसा और तमिलनाडु के प्रतिनिधियों को बताया गया कि उसके परियोजना स्थल को मंजूरी दे दी गई है।

First Published - August 11, 2008 | 9:39 PM IST

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