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हमारे समय का प्रतिबिंब

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 8:26 PM IST

बीते कई सप्ताहों से देश में कोविड-19 महामारी संक्रमण के नए मामलों की तादाद में लगातार गिरावट आ रही है। यही कारण है कि दो वर्षों की असाधारण उथलपुथल के बाद आखिरकार कारोबार दोबारा पटरी पर लौटने लगा है। महामारी के आगमन और उसकी वजह से मची उथलपुथल ने हर किसी को झकझोर दिया। अचानक लागू किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण कंपनियों की कारोबारी हकीकत रातोरात बदल गई। दुनिया के दूसरे हिस्सों में वायरस के तेज प्रसार के कारण जहां लॉकडाउन आवश्यक था, वहीं सूचनाओं की सीमित उपलब्धता केे कारण कारोबार को बहुत जल्दी नई हकीकत के साथ तालमेल बिठाना पड़ा। खासतौर पर उन कारोबारियों को जो स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र तथा तकनीकी सहयोग के जरिये अहम कामों को अंजाम दे रहे थे। कुछ कारोबार ने जिस गति से अनुकूलन किया तथा शेष व्यवस्था की मदद की वह इस वर्ष बिज़नेस स्टैंडर्ड के वार्षिक पुरस्कारों में भी देखा जा सकता है।
आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला की अध्यक्षता वाले विशिष्ट निर्णायक मंडल ने सात में से चार श्रेणियों के विजेता स्वास्थ्य सेवा और स्वच्छता क्षेत्र से चुने जबकि एक-एक विजेता तकनीकी और वित्तीय सेवा क्षेत्र से आया। निर्णायक मंडल ने एकमत से यह निर्णय लिया कि अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज के संस्थापक और चेयरमैन प्रताप सी रेड्डी को लाइफटाइम अचीवमेंट श्रेणी का अवार्ड दिया जाए। सिप्ला के समग्र प्रदर्शन और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में उसके योगदान के कारण उसे वर्ष की श्रेष्ठ कंपनी घोषित किया गया। प्रॉक्टर ऐंड गैंबल हाइजीन ऐंड हेल्थ केयर को श्रेष्ठ बहुराष्ट्रीय निगम घोषित किया गया जबकि डॉ. लाल पैथलैब्स को एसएमई श्रेणी में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाला घोषित किया गया। अन्य श्रेणियों की बात करें तो इन्फोसिस के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक सलिल पारेख को वर्ष का सर्वश्रेष्ठ सीईओ घोषित किया गया। पारेख के नेतृत्व ने कंपनी को कठिन समय मेंं आगे बढऩे मेंं मदद की। इससे सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के सामने भी नये अवसर आए। साल 2020-21 में सालाना आधार पर कंपनी का राजस्व 10.7 फीसदी और शुद्ध मुनाफा 16.6 फीसदी बढ़ा। तकनीकी क्षेत्र की इस अव्वल कंपनी का समग्र प्रदर्शन शेयर बाजार की ओर से भी सराहा गया। कंपनी का बाजार मूल्य बीते तीन वर्षों में 40 प्रतिशत की समेकित वृद्धि दर से बढ़ा है।
स्टार्ट अप ऑफ द इयर अवार्ड जीरोधा ब्रोकिंग को दिया गया। यह अवार्ड मौजूदा समय को अपने ढंग से पेश करता है। नए जमाने की ब्रोकरेज कंपनियों ने शेयर बाजार में भागीदारी का लोकतंत्रीकरण किया है। बीते वर्षों में रिकॉर्ड तादाद में डीमैट खाते खोले गए हैं जिनकी बदौलत शेयर बाजार में खुदरा भागीदारी बढ़ी है। यह भी एक बड़ी वजह है कि भारतीय शेयर बाजार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की ओर से गत महीनों की गई भारी बिकवाली के बावजूद स्थिर रहे। श्रेष्ठ सरकारी उपक्रम की श्रेणी में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स को चुना गया क्योंकि उसके वित्तीय प्रदर्शन में निरंतरता रही है।
वित्तीय प्रदर्शन के साथ-साथ निर्णायक मंडल ने महामारी के दौरान समाज को किए गए योगदान तथा कंपनियों के पर्यावरण, समाज और संचालन मानकों पर भी बात की। यह बात उल्लेखनीय है कि निर्णायक मंडल के कुछ सदस्यों ने इस अवधि में गैर सूचीबद्ध कंपनियों के प्रदर्शन को भी रेखांकित किया। बहरहाल उन पर विचार नहीं किया जा सका क्योंकि इसके लिए जरूरी वित्तीय सूचना सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है। बड़ी तादाद में भारतीय कंपनियों, खासकर सूचीबद्ध कंपनियों ने तूफान का सामना किया और वे मजबूत बनकर उभरीं। अगली चुनौती यह है कि वे मध्यम अवधि में वृद्धि को कैसे बरकरार रखती हैं। बेहतर कॉर्पोरेट तथा बैंक बैलेंस शीट इसमें मददगार हो सकती है।

First Published : March 29, 2022 | 11:28 PM IST