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ITR filings: दा​खिल हुए तीन गुना ज्यादा इनकम टैक्स रिटर्न, वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा- महाराष्ट्र सबसे आगे

सीतारमण ने Global Fintech Fest कार्यक्रम में कहा कि प्रत्येक कर श्रेणी यानी टैक्स स्लैब में कर दाखिल करने के मामले में कम से कम तीन गुना इजाफा देखा गया है

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अंजलि कुमारी   
Last Updated- September 05, 2023 | 11:23 PM IST

अर्थव्यवस्था के औपचारिकीकरण में खासे सुधार का संकेत देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रत्येक श्रेणी में कर दाखिल करने में तीन गुना इजाफा हुआ है।

सीतारमण ने मंगलवार को ग्लोबल फिनटेक फेस्ट कार्यक्रम में कहा कि प्रत्येक कर श्रेणी यानी टैक्स स्लैब में कर दाखिल करने के मामले में कम से कम तीन गुना इजाफा देखा गया है। कुछ ने तो तकरीबन चार गुना इजाफा हासिल किया है।

उन्होंने कहा ‘हम मुंबई में हैं, इसलिए प्रासंगिक रूप से मैं इस बात पर प्रकाश डालना चाहूंगी कि महाराष्ट्र अग्रणी बना हुआ है। उत्तर पूर्व (राज्य), छत्तीसगढ़ और जम्मू-कश्मीर की आईटीआर फाइलिंग में दो अंकों तक की वृद्धि हुई है, जो पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अच्छा संकेत है।’

इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि अगले 25 वर्षों में कर योग्य कार्यबल 22.5 प्रतिशत से बढ़कर 85.3 प्रतिशत हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 में 48.2 करोड़ आयकर दाखिल करने वाले लोग होंगे, जो वित्त वर्ष 23 के सात करोड़ से अधिक हैं।

इसके अलावा सीतारमण ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि उनके ग्राहक अपने उत्तराधिकारी नामित करें। इस कदम का उद्देश्य बिना दावे वाले धन में कमी लाना है। उन्होंने ग्राहकों का पैसा संभालते समय इस जिम्मेदारी के प्रति सचेत रहने के लिए म्युचुअल फंड और शेयर बाजारों सहित संपूर्ण वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र पर जोर दिया।

उन्होंने कहा ‘मैं चाहती हूं कि बैंकिंग प्रणाली, वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र और हर कोई यह बात ध्यान में रखे कि जब कोई अपने पैसे का लेनदेन करते, तो संगठनों को भविष्य के बारे में सोचना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि वे अपने उत्तराधिकारी को नामित करें, उनका नाम और पता दें।’

सीतारमण ने कर के लिहाज से मुफीद देशों और धन की अवैध आवाजाही से जुड़े जोखिमों की ओर भी इशारा किया। उन्होंने क्रिप्टो करेंसी जैसे क्षेत्रों से उभरने वाले खतरों से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग और रूपरेखा की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि फायरवॉल बनाने के प्रयासों के बावजूद हमले के नए और विकसित तरीके क्रिप्टो के परिदृश्य में चुनौतियां पैदा करते हैं, जो खतरे और अवसर दोनों पेश करता है।

वित्त मंत्री ने कहा कि जी20 के भीतर भारत के नेतृत्व ने क्रिप्टो परिसंपत्तियों को संभालने के लिए ढांचे के विनियमन और समझ के संबंध में चर्चा शुरू की है। इन चर्चाओं में कई प्रकार के विषय शामिल हैं, जिनमें अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, वित्तीय स्थिरता बोर्ड तथा आर्थिक सहयोग और विकास संगठन जैसे संस्थानों के सामग्री-समृद्ध पेपर शामिल हैं। उन्होंने क्रिप्टो पर आईएमएफ और एफएसबी के संयुक्त पेपर जारी करने पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि एक जिम्मेदार वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र वैश्विक सहयोग पर निर्भर करता है।उन्होंने कहा कि सक्रिय चर्चाएं हो रही हैं।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, वित्तीय स्थिरता बोर्ड तथा आर्थिक सहयोग और विकास संगठन की सामग्री-समृद्ध रिपोर्टों पर विभिन्न विषयों के संबंध में चर्चा की जा रही है। यह टिप्पणी करते हुए कि फिनटेक वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए शक्तिशाली उपकरण के रूप में विकसित हुआ है, वित्त मंत्री ने कहा कि ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) ई-कॉमर्स पर महत्वपूर्ण असर डालने के लिए तैयार है, जो काफी हद तक यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) द्वारा निभाई गई परिवर्तनकारी भूमिका की तरह है।

First Published : September 5, 2023 | 11:23 PM IST