रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) ने हाल में लागू हुए विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स और कम रिफाइनिंग मार्जिन की वजह से दूसरी तिमाही में ज्यादा उत्साहजनक प्रदर्शन दर्ज नहीं किया। वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में जहां व्यवसाय से राजस्व 32.4 प्रतिशत बढ़ा, वहीं शुद्ध लाभ मामूली घटकर 13,656 करोड़ रुपये रह गया, जो वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में 13,680 करोड़ रुपये था।
तिमाही आधार पर कंपनी का शुद्ध लाभ अप्रैल-जून तिमाही के 17,955 करोड़ रुपये से 24 प्रतिशत घट गया। आरआईएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने नतीजों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि तिमाही के दौरान कंपनी के उपभोक्ता व्यवसाय में मजबूत प्रदर्शन दर्ज किया गया।
इसके अलावा, तेल-रसायन (ओ2सी), रिटेल और दूरसंचार घराने ने अपने वित्तीय सेवा व्यवसाय को अलग करने और जियो फाइनैंशियल सर्विसेज के तौर पर इसे अलग से सूचीबद्ध कराने की भी घोषणा की।
दूसरी तिमाही के नतीजों के बाद, विदेशी निवेश फर्म जेफरीज ने आरआईएल के आय अनुमान घटा दिए हैं। हालांकि उसने कीमत लक्ष्य में कोई बदलाव नहीं किया है।
निवेश बैंकिंग फर्म ने एक रिपोर्ट में कहा है, ‘हमने निर्यात शुल्क से मार्जिन पर दबाव के साथ ओ2सी व्यवसाय में कमजोरी आने की आशंका को देखते हुए अपने वित्त वर्ष 2023ई के एबिटा अनुमान में 2 प्रतिशत तक की कमी की है। हमें वित्त वर्ष 2022 से 2024-25ई तक रिलायंस रिटेल और जियो की मदद से 10 प्रतिशत की समायोजित प्रति शेयर आय वृद्धि दर की उम्मीद है। हमने 3,090 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ ‘खरीदें’ रेटिंग बरकरार रखी है।’
घरेलू ब्रोकरेज फर्म प्रभुदास लीलाधर ने भी आरआईएल पर अपना आय अनुमान घटाया है और शेयर के लिए कीमत लक्ष्य घटाकर 2,892 रुपये किया है। ब्रोकरेज ने कहा है, ‘हमने वित्त वर्ष 2023ई के एबिटा अनुमान में 2 प्रतिशत तक की कमीकी है। कमजोर ओ2सी व्यवसाय और निर्यात शुल्क से मार्जिन पर दबाव को ध्यान में रखते हुए अपने एबिटा अनुमान घटाया है।
हमने वित्त वर्ष 2022 से 2024-25ई तक 10 प्रतिशत की सालाना समायोजित ईपीएस वृद्धि दर का अनुमान जताया है और इसमें मुख्य तौर पर रिलायंस रिटेल और जियो का योगदान रहेगा। हमने 3,090 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ इस शेयर पर ‘खरीदें’ रेटिंग को बरकरार रखा है।
हमने कई कारकों को ध्यान में रखते हुए वित्त वर्ष 2023ई की आय में 3.7 प्रतिशत तक की कटौती की है। दूसरी तिमाही में ओ2सी सेगमेंट पर विंडफॉल करों के अनुमान से ज्यादा प्रभाव का असर पड़ा। इसके अलावा कमजोर पॉलिमर मार्जिन (तिमाही आधार पर 12-26 प्रतिशत की कमी) पर भी दबाव पड़ा। शुक्रवार को आरआईएल के शेयर में 3 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी दर्ज की गई।
