शुक्रवार को समाप्त हुए हफ्ते में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों ने सभी कैटेगरी में सबसे ज्यादा रिटर्न दिया। अमेरिकी सरकार के कर्ज में डूबी कंपनियों को 700 अरब डॉलर की सहायता देने के निर्णय की वजह से सोने की कीमतों में सुधार आया और इस धातु की खरीदारी भी बढ़ी।
सोने की कीमतों को लीमन ब्रदर्स के दिवालिया घोषित करने की फाइलिंग के बाद उठे जोखिम के माहौल से भी फायदा मिला। मुंबई के स्पॉट मार्केट में शुध्द सोना शुक्रवार को 12,560 रुपए प्रति दस ग्राम की कीमत पर बंद हुआ जबकि 12 सितंबर को इसकी कीमत 11,380 रुपए प्रति ग्राम थी।
जबकि मानक सोना शुक्रवार को 12,490 रुपए प्रति दस ग्राम पर बंद हुआ जबकि एक सप्ताह पहले इसकी कीमत 11,305 रुपए थी।
पिछले हफ्ते के दौरान पांच घरेलू गोल्ड ईटीएफ का औसत रिटर्न 11.67 फीसदी रहा। गौरतलब है कि यह रिटर्न स्पॉट मार्केट में सोने की कीमतों से निर्धारित होता है।
क्वांटम गोल्ड ने 11.83 फीसदी का रिटर्न दिया जबकि यूटीआई गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड ने 11.76 फीसदी का रिटर्न दिया, कोटक गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड और गोल्ड बेंचमार्क एक्सचेंज ट्रेडेड फंड दोनों ने पिछले हफ्ते के दौरान क्रमश: 11.74 फीसदी का रिटर्न दिया।
इस श्रेणी में रिलायंस गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड का सबसे कम रिटर्न 11.29 फीसदी रहा। गोल्ड फीडर फंडों में एआईजी वर्ल्ड गोल्ड फंड ने सबसे ज्यादा 18.25 फीसदी का रिटर्न दिया जबकि मेरिल लिंच वर्ल्ड गोल्ड फंड जो मेरिल लिंच इंटरनेशनल इनवेस्टमेंट की गोल्ड स्कीमों में निवेश करता है, ने पिछले हफ्ते 14.51 फीसदी का रिटर्न दिया।
बैंकिंग सेक्टर और इंडेक्स फंडों को छोड़कर बाकी सभी फंडों का रिटर्न निगेटिव रहा। पिछले हफ्ते के दौरान बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज निफ्टी में क्रमश: 0.30 फीसदी और 0.40 फीसदी का सुधार आया।
बैंकिंग सेक्टर के फंडो ने 0.59 फीसदी का रिटर्न दिया जबकि बेंचमार्क सीएनएक्स बैंकेक्स में 1.90 फीसदी का सुधार देखा गया।
ब्याज दरों के प्रति संवेदनशील सेक्टरों में भी वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा तरलता बढ़ाने के प्रयासों के बीच हुई शार्ट कवरिंग की वजह से सुधार देखा गया। सूचना-प्रौद्योगिकी पर एक्सपोजर वाले फंडों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा और इनका औसत रिटर्न निगेटिव 5.09 फीसदी रहा।
सीएनएक्स आईटी और बीएसई आईटी दोनों में क्रमश: 3.84 फीसदी और 3.68 फीसदी की गिरावट आई। डेट फंडों में सभी स्कीम पॉजिटिव रिटर्न देने में कामयाब रहीं।
लिक्विड फंडों नें सबसे ज्यादा 0.18 फीसदी का रिटर्न दिया जबकि मीडियम टर्म इनकम स्कीमों ने सबसे कम 0.11 फीसदी का रिटर्न दिया। शार्ट टर्म इक्विटी प्लान का भी धीमा और ठीकठाक प्रदर्शन जारी रहा।