टाटा पावर के रणनीतिक कायाकल्प और कर्ज घटाने की योजनाओं से कंपनी का शेयर पिछले डेढ़ महीने में अच्छी तेजी दर्ज करने में कामयाब रहा। विश्लेषकों का कहना है कि बैलेंस शीट के लिए सकारात्मक बदलाव और अन्य चिंताओं के घटने से कंपनी के शेयर में और तेजी आ सकती है।
ताजा घटनाक्रम में, टाटा पावर तरजीही आधार पर टाटा संस को 53 रुपये के हिसाब से 49.057 करोड़ इक्विटी शेयर जारी करेगी। इससे उसे 2,600 करोड़ रुपये जुटाने में मदद मिलेगी, जिसका इस्तेमाल कर्ज घटाने में किए जाने की संभावना है। हालांकि तरजीही निर्गम मौजूदा कीमत के मुकाबले महंगा है, लेकिन निवेशकों का भरोसा बढ़ सकता है, क्योंकि इस विद्युत निर्माण एवं वितरण कंपनी में टाटा समूह का स्वामित्व 37.2 प्रतिशत से बढ़कर 46.9 प्रतिशत हो जाएगा।
गुरुवार को कंपनी के बोर्ड ने अक्षय ऊर्जा व्यवसाय के लिए इनविट को भी सैद्घांतिक मंजूरी दे दी। इस कदम से कंपनी को कर्ज घटाने के साथ साथ अक्षय ऊर्जा से संबंधित निवेशकों की चिंताएं दूर करने में भी मदद मिलेगी। 8,370 करोड़ रुपये की निवेश पूंजी वाले अक्षय ऊर्जा व्यवसाय ने वित्त वर्ष 2020 की चौथी तिमाही में 596 करोड़ रुपये का एबिटा और 76 करोड़ रुपये का शुद्घ लाभ दर्ज किया था। हालांकि इस व्यवसाय का टाटा पावर के कुल 43,576 करोड़ रुपये के कर्ज में लगभग 25 प्रतिशत का योदान है।
एडलवाइस सिक्योरिटीज का कहना है कि खरीदार पर अंतिम फैसला होने के बाद अक्षय ऊर्जा परिसंपत्तियां (2.6 जीडब्ल्यू) इनविट को स्थानांतरित की जाएंगी। इससे 10,700 करोड़ रुपये घटाने में मदद मिलेगी और अन्य उपयोगी निवेश के लिए भी इक्विटी पूंजी जारी की जाएगी।
गैर-प्रमुख और खास वैश्विक निवेश घटाने के लक्ष्य पर ध्यान दे रही टाटा पावर अप्रैल में दक्षिण अफ्रीकी संयुक्त उपक्रम ‘सिनर्जी’ की 840 करोड़ रुपये में बिक्री पहले ही पूरी कर चुकी है, जबकि जून में कंपनी ने अपने शिपिंग व्यवसाय की हिस्सेदारी करीब 1,600 करोड़ रुपये में बेचने के लिए समझौता किया।
यही वजह है कि निवेशक धारणा में लगातार सुधार आया है और यह शेयर अपने मई के निचले स्तरों से 83 प्रतिशत सुधर चुका है।
इलारा कैपिटल में विश्लेषक रूपेश सांखे का कहना है कि प्रवर्तकों द्वारा हिस्सेदारी बढ़ाए जाने से भरोसा मजबूत हुआ है और यह पुराने और नए निवेशकों के लिए सकारात्मक होगा।
