टाटा मोटर्स (Tata Motors) ने मंगलवार को ऐलान किया कि वह डिफरेंशियल वोटिंग राइट्स (DVR) या ए-शेयर कार्यक्रम समाप्त करेगी। इस तरह से कंपनी रकम जुटाने वाली नवोन्मेषी प्रतिभूति समाप्त कर रही है, जो दलाल पथ पर कामयाब नहीं हो पाया।
वाहन कंपनी के निदेशक मंडल ने योजना को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत हर 10 ए-शेयर के बदले कंपनी के सात सामान्य शेयर जारी किए जाएंगे और सभी ए-शेयर रद्द हो जाएंगे।
इस प्रस्ताव पर शेयरधारकों की मंजूरी ली जानी है और यह प्रस्ताव कंपनी के पूंजी ढांचे के सरलीकरण और एकीकरण के इरादे से लाया गया है। इस साल टाटा मोटर्स ने न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध अमेरिकी डिपॉजिटरी रिसीट्स (एडीआर) को असूचीबद्ध करा लिया था।
डीवीआर में सामान्य शेयरों के मुकाबले मतदान का अधिकार महज 10 फीसदी होता है, लेकिन वह 5 फीसदी ज्यादा लाभांश का हकदार होता है। हालांकि टाटा मोटर्स की तरफ से कम लाभांश देने के इतिहास को देखते हुए डीवीआर की ट्रेडिंग हमेशा से ही सामान्य शेयरों के मुकाबले कम पर हुई है।
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टाटा मोटर्स का सामान्य शेयर 1.6 फीसदी चढ़कर 639 रुपये पर बंद हुआ जबकि डीवीआर 4.3 फीसदी की बढ़त के साथ 373 रुपये पर टिका।
टाटा मोटर्स ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा, कंपनी का डीवीआर यानी ए-शेयर अभी सामान्य शेयरों के मुकाबले 43 फीसदी छूट पर ट्रेड कर रहा है। पूंजी में होने वाली कमी पिछले दिन के ए-शेयर के बंद भाव पर 23 फीसदी प्रीमियम बताती है, जो सामान्य शेयर की कीमतों के मुकाबले 30 फीसदी छूट दर्शाती है और यह ऐतिहासिक औसत से काफी नीचे है। इस योजना से बकाया इक्विटी शेयरों में 4.2 फीसदी की कमी आएगी, जो सभी शेयरधारकों के लिए वैल्यू के लिहाज से बेहतर है।
ताजा शेयर कीमत और अदला-बदली अनुपात के मुताबिक, डीवीआर अभी सामान्य शेयरों के मुकाबले 20 फीसदी छूट पर उपलब्ध है। विश्लेषकों ने कहा कि यह अंतर और कम होगा क्योंकि निवेशक आर्बिट्रेज का फायदा उठाने पर विचार करेंगे। एक विश्लेषक ने कहा, यह फायदा तत्काल नहीं उठाया जा सकेगा क्योंकि पूंजी में कमी वाली इस योजना में एक साल तक का समय लग सकता है।
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टाटा मोटर्स डीवीआर की मार्केट वैल्यू करीब 19,000 करोड़ रुपये है, वहीं सामान्य शेयरों की मार्केट वैल्यू 2.12 लाख करोड़ रुपये है।
अमेरिका में ए-शेयर कार्यक्रम आम है, हालांकि टाटा मोटर्स देसी बाजार में साल 2008 में ऐसी प्रतिभूतियों का प्रयोग करने वाली पहली कंपनी थी। फ्यूचर एंटरप्राइजेज, जैन एरिगेशन आदि डीवीआर जारी करने वाली अन्य कंपनी थी।
समय के साथ नियामकीय बदलाव ने ऐसी प्रतिभूतियां जारी करने पर पाबंदी लगा दी। अभी टाटा मोटर्स ऐसी प्रतिभूतियों के साथ एकमात्र बड़ी सूचीबद्ध कंपनी है।
टाटा मोटर्स ने इस लेनदेन के लिएपीडब्ल्यूसी को स्वतंत्र पंजीकृत मूल्यांकनकर्ता के तौर पर नियुक्त किया है। सिटीग्रुप और ऐक्सिस कैपिटल क्रमश: ए-शेयर व सामान्य शेयरों के लिए राय मुहैया कराएंगे। सिरिल अमरचंद मंगलदास इस लेनदेन के लिए टाटा मोटर्स की कानूनी सलाहकार है।