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साल के पहले 11 महीनों में मर्जर और अधिग्रहण सौदे 13.5% बढ़े

साल 2024 के पहले 11 महीनों के दौरान में सौदों की संख्या 25.9 प्रतिशत बढ़कर 2,811 हो गई, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 2,232 सौदे किए गए थे।

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जेडेन मैथ्यू पॉल   
देव चटर्जी   
Last Updated- December 08, 2024 | 10:35 PM IST

साल 2024 में निवेश बैंकरों को भारी-भारकम बोनस रकम मिलने की उम्मीद है। इसकी वजह विलय और अधिग्रहण सौदों में इजाफा है। ये सौदे पिछले साल की तुलना में 13.5 प्रतिशत बढ़े और साल के पहले 11 महीनों में ही 88.9 अरब डॉलर के मूल्य पर पहुंच गए हैं। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।

बैंकरों को उम्मीद है कि साल 2025 भी रिकॉर्ड वाला साल होगा, क्योंकि अच्छा आर्थिक विकास, तकनीकी प्रगति और निजी इक्विटी द्वारा निवेश के लिए बची राशि का इस्तेताल सौदे करने के लिए अनुकूल माहौल बना रहे हैं।

पीडब्ल्यूसी इंडिया में पार्टनर (डील लीडर) भाविन शाह ने कहा, ‘स्थिर ब्याज दरों, धीमी मुद्रास्फीति तथा निजी और सार्वजनिक फंडों के पास बिना इस्तेमाल वाली राशि के रूप में प्रचुर निवेश पूंजी उपलब्ध होने से साल 2025 में सौदों की गतिविधियां मजबूत रहने की उम्मीद है, जो साल 2024 में हासिल रफ्तार पर आधारित होगी।’ शाह ने कहा, ‘ये अनुकूल हालात कंपनियों को खास तौर पर डिजिटल परिवर्तन और रणनीतिक अधिग्रहण के जरिये वृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।’

साल 2024 के पहले 11 महीनों के दौरान में सौदों की संख्या 25.9 प्रतिशत बढ़कर 2,811 हो गई, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 2,232 सौदे किए गए थे। क्रिसमस की छुट्टियों के कारण आम तौर पर साल के आखिरी सप्ताहों में विलय और अधिग्रहण के सौदे खासे धीमे पड़ जाते हैं।

ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार इस साल के सबसे बड़े सौदों में क्वालिटी केयर इंडिया और एस्टर डीएम हेल्थकेयर का विलय शामिल है, जिसका मूल्य 5.08 अरब डॉलर था। इसके बाद भारती एंटरप्राइजेज द्वारा बीटी ग्रुप में 4.08 अरब डॉलर में 24.5 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण और गोदरेज परिवार में 3.5 अरब डॉलर में पारिवारिक निपटान वाला लेन-देन शामिल है।

साल 2024 के रुझानों से पता चलता है कि शुरुआती चरण के निवेश और छोटे आकार वाले सौदे बरकरार रहेंगे। लेकिन जैसे-जैसे पूंजी सस्ती होती जाएगी, बड़े सौदे सामने आने की संभावना होगी। इस गतिविधि को आगे बढ़ाने वाले प्रमुख क्षेत्रों में विनिर्माण, उपभोक्ता वस्तु, आईटी, फार्मा, स्वास्थ्य सेवा और रियल एस्टेट शामिल हैं। इसके अलावा निवेश की जरूरतों और समेकन दोनों के कारण वित्तीय सेवाओं में वृद्धि दिखने की उम्मीद है।

ग्रांट थॉर्नटन भारत में पार्टनर विशाल अग्रवाल ने कहा कि पूंजी बाजार में तेजी रहने की उम्मीद है और ब्याज दरों में कमी आने के आसार से बाजार में अधिक तरलता आ सकती है। हालांकि इससे विलय और अधिग्रहण तथा निजी इक्विटी (पीई) निवेश के सीमित अवसर हो सकते हैं। इसके बावजूद उनका मानना है कि बाजार सार्वजनिक और पूंजी दोनों ही बाजारों की मदद के लिए विकसित होगा।

First Published : December 8, 2024 | 10:35 PM IST