जेगल प्रीपेड, सायंट डीएलएम, हेल्थविस्टा इंडिया, राशि पेरिफेरल्स और विश्वराज शुगर इंडस्ट्रीज ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम पेश करने की मंजूरी बाजार नियामक सेबी से हासिल कर ली।
यह मंजूरी ऐसे समय में मिली है जब आईपीओ के जरिए पूंजी जुटाने का मामला सुस्त पड़ा हुआ है और इस कैलेंडर वर्ष में सिर्फ चार आईपीओ बाजार में पेश हो पाए हैं।
पिछले हफ्ते सेबी ने उपरोक्त कंपनियों के विवरणिका मसौदे (डीआरएचपी) पर अंतिम पत्र जारी किया, जो बाजार में उतरने की मंजूरी होती है।
ये कंपनियां कब अपने-अपने आईपीओ पेश करती हैं, यह देखना बाकी है। कुल मिलाकर 54 कंपनियां संचयी तौर पर 76,189 करोड़ रुपये जुटाने के लिए मंजूरी हासिल कर चुकी हैं। यह जानकारी प्राइम डेटाबेस से मिली।
निवेश बैंकरों ने कहा, ये पांचों कंपनियां 2,000 करोड़ रुपये से 3,000 करोड़ रुपये के बीच रकम जुटाने का लक्ष्य लेकर चल रही हैं।
इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण सेवा प्रदाता सायंट डीएलएम की योजना नए शेयर जारी कर 740 करोड़ रुपये जुटाने की है। यह सूचीबद्ध कंपनी सायंट की सहायक है, जो 148 करोड़ रुपये के आईपीओ पूर्व नियोजन पर विचार कर सकती है।
पोर्टिया ब्रांड की मालिक हेल्थविस्टा इंडिया ने पिछले साल जून में आईपीओ आवेदन जमा कराया था। इस आईपीओ में 200 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी होंगे जबकि 5.62 करोड़ शेयरों का ओएफएस होगा।
आईटी समाधान प्रदाता राशि पेरिफेरल्स के आईपीओ में पूरे 750 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी होंगे, जिसमें से 400 करोड़ रुपये का इस्तेमाल उधारी चुकाने में होगा जबकि 200 करोड़ रुपये कंपनी के कामकाज में लगाए जाएंगे।
फिनटेक कंपनी जेगल प्रीपेड ओशन के आईपीओ में 490 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी होंगे जबकि 1.05 करोड़ शेयरों का ओएफएस होगा। डीआरएचपी में कहा गया है कि नए शेयर से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल ग्राहक जोड़ने, तकनीक व उत्पाद विकसित करने और कुछ उधारी चुकाने में किया जाएगा।