गुरुवार को चार नए सामाजिक उद्यमों की सूचीबद्धता के साथ एनएसई के सोशल स्टॉक एक्सचेंज (एसएसई) प्लेटफॉर्म पर अब यह संख्या बढ़कर पांच हो गई है। इस प्लेटफॉर्म पर पांच गैर-लाभकारी संगठनों ने करीब 8 करोड़ रुपये जुटाए हैं। सोशल स्टॉक एक्सचेंज सामाजिक उद्यमों को जीरो कूपन जीरो प्रिंसीपल बॉन्डों के जरिये कोष जुटाने के लिए एक नई पहल है।
इस प्लेटफॉर्म पर गुरुवार को सूचीबद्ध हुए संगठनों मुक्ति, ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया फाउंडेशन, स्वामी विवेकानंद यूथ मूवमेंट और एकलव्य फाउंडेशन ने 1.7 करोड़ रुपये, 2 करोड़ रुपये, 1.55 करोड़ और 83.5 लाख रुपये जुटाए। इससे पहले दिसंबर 2023 में एसजीबीएस उन्नति इस एक्सचेंज पर सूचीबद्ध होने वाला पहला संगठन था और उसने तब 1.8 करोड़ रुपये जुटाए थे।
दो अन्य एनपीओ के निर्गम
अभिदान के लिए खुले हुए हैं, जबकि तीन अन्य संगठन अपने निर्गम लाने की तैयारी कर रहे हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एसएसई के जरिये कोष उगाही को वित्तीय समावेशन और सामाजिक कल्याण की दिशा में ‘बड़ी सफलता’ करार दिया है।
उन्होंने अपने संदेश में कहा, ‘सरकार इस प्लेटफॉर्म का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है, क्योंकि यह निवेश के प्रसार को सक्षम बनाएगा और देश भर के लोगों को भारत की सफलता की कहानी का हिस्सा बनने में भी मदद करेगा।’
बाजार नियामक सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने इस सूचीबद्धता पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि नियामक ने अपने स्टाफ को एनपीओ में जेडसीजेडपी के जरिये भागीदारी की अनुमति देने की योजना बनाई है। सेबी के कर्मियों को प्रतिभूतियां खरीदने की अनुमति नहीं है। शुक्रवार को होने वाली सेबी की बोर्ड बैठक में यह फैसला आ सकता है। बुच ने कहा कि सोशल स्टॉक एक्सचेंज से एनपीओ के लिए समावेशन, विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ावा देगा।
बाजार नियामक ने पिछले साल न्यूनतम आवेदन आकार 2 लाख रुपये से घटाकर 10,000 रुपये कया और न्यूनतम निर्गम आकार 1 करोड़ रुपये से घटाकर 50 लाख रुपये किया गया था।