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FPI Inflow: एफपीआई ने अक्टूबर में अब तक शेयरों से 85,790 करोड़ रुपये निकाले

चीन के प्रोत्साहन उपायों, वहां शेयरों के आकर्षक मूल्यांकन तथा घरेलू शेयरों के ऊंचे मूल्यांकन की वजह से एफपीआई भारतीय बाजार में लगातार बिकवाली कर रहे हैं।

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भाषा   
Last Updated- October 27, 2024 | 10:13 PM IST

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली का सिलसिला जारी है। इस महीने एफपीआई ने अबतक भारतीय बाजार से 85,790 करोड़ रुपये या 10.2 अरब डॉलर की निकासी की है।

चीन के प्रोत्साहन उपायों, वहां शेयरों के आकर्षक मूल्यांकन तथा घरेलू शेयरों के ऊंचे मूल्यांकन की वजह से एफपीआई भारतीय बाजार में लगातार बिकवाली कर रहे हैं। विदेशी कोषों की निकासी के मामले में अक्टूबर का महीना सबसे खराब साबित हो रहा है। मार्च, 2020 में, एफपीआई ने शेयरों से 61,973 करोड़ रुपये निकाले थे। इससे पहले सितंबर में एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार में 57,724 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जो उनके निवेश का नौ माह का उच्चस्तर है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, जून से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक लगातार लिवाल बने हुए थे।

अप्रैल-मई में उन्होंने जरूर 34,252 करोड़ रुपये की निकासी की थी। मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक, प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि भविष्य में एफपीआई का भारतीय बाजार में निवेश भू-राजनीतिक स्थिति और ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव जैसे वैश्विक घटनाक्रमों पर निर्भर करेगा।

उन्होंने कहा कि घरेलू मोर्चे पर मुद्रास्फीति का रुख, कंपनियों के तिमाही नतीजे और त्योहारी सत्र की मांग पर एफपीआई की निगाह रहेगी। आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने एक से 25 अक्टूबर के बीच भारतीय शेयर बाजार से शुद्ध रूप से 85,790 करोड़ रुपये निकाले हैं।

एफपीआई की निरंतर बिकवाली ने बाजार की धारणा को प्रभावित किया है, जिससे एनएसई का निफ्टी अपने शीर्ष स्तर से आठ प्रतिशत नीचे आ गया है। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि एफपीआई की निरंतर बिकवाली के रुख में तत्काल बदलाव आने की संभावना नहीं है। चीन के प्रोत्साहन उपायों की वजह से एफपीआई वहां के बाजार का रुख कर रहे हैं।

इसके अलावा भारत में मूल्यांकन ऊंचा होने की वजह से भी एफपीआई बिकवाल बने हुए हैं।’’ आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने समीक्षाधीन अवधि के दौरान बॉन्ड से सामान्य सीमा के माध्यम से 5,008 करोड़ रुपये निकाले हैं और स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग (वीआरआर) से 410 करोड़ रुपये का निवेश किया। इस साल अबतक एफपीआई ने शेयरों में 14,820 करोड़ रुपये और ऋण या बॉन्ड बाजार में 1.05 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है।

First Published : October 27, 2024 | 11:44 AM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)