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‘बड़े मियां’ पर भारी ‘छोटे मियां’

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 08, 2022 | 5:06 AM IST

वक्त बदलते वाकई देर नहीं लगती। ज्यादा वक्त नहीं गुजरा है, जब बड़े ब्रोकर हाउस किसी सब ब्रोकर को बुलाते थे और उसे अपने साथ काम करने के फायदे गिनाया करते थे।


लेकिन बाजार के बदलते मिजाज के बीच वे सब ब्रोकरों के साथ काम करने के लिए उतावले हो रहे हैं और उन्हें भारी भरकम कमीशन के जरिये लुभाने की कोशिशों में लगे हैं।

बाजार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक नामी सब ब्रोकरों के पास बड़े-बड़े ब्रोकरों के फोन आ रहे हैं। एक से एक लुभावनी पेशकश करते हुए ये ब्रोकर सब ब्रोकरों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

इसकी वजह है लागत।?दरअसल बाजार में अपना कारोबार फैलाने में जो लागत आती है, सब ब्रोकरों का साथ मिलने से वह काफी कम हो जाएगी। इससे भी अहम बात यह है कि सब ब्रोकरों के साथ उनके पुराने ग्राहक भी ब्रोकरों को एक ही झटके में हासिल हो जाएंगे। यानी पहले दिन से ही उन्हें कमाई का अच्छा जरिया मिल जाएगा।

बड़े ब्रोकिंग हाउस भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की वेबसाइट से सब ब्रोकरों के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं। इसके बाद वे लुभावने ऑफर लेकर उनके पास जा रहे हैं। अधिकांश बड़े ब्रोकर इन सब ब्रोकरों को शेयर दलाली से हुई आय का 60 फीसदी हिस्सा तक देने को तैयार हैं।

वे सब ब्रोकर जो अधिक राजस्व जुटाने में सक्षम है उन्हें आय का 70 फीसदी तक देने का प्रस्ताव दिया गया है। अब तक इन्हें आय का सिर्फ 40-50 फीसदी ही दिया जाता रहा है।

इतना ही नहीं बड़े ब्रोकिंग हाउसों ने सब ब्रोकरों द्वारा अपने कारोबार को फैलाने में किए जा रहे व्यय में भी 30-40 फीसदी का सहयोग देने की पेशकश की है।

इससे पहले वे ऐसा करने में कतराते रहे हैं। साथ ही सब ब्रोकरों को बड़े ब्रोकर हाउसों से जुड़ने के लिए अपनी मार्जिन देनी पड़ती थी। इसी मार्जिन के आधार पर उन्हें कारोबार करने की लिमिट मिलती थी। अब वे बिना किसी मार्जिन मनी के किसी बड़े ब्रोकर हाउस से जुड़कर कारोबार कर सकते हैं।

हालांकि  क्रेडिट पीरियड बदल गया है। पहले सब ब्रोकर को बकाया चुकाने के लिए 7 से 10 दिन मिलते थे। वायदा बाजार में सब ब्रोकरों के लिए मार्जिन फंडिग सुविधा भी बढ़ाई गई है। सूत्रों ने बताया कि एक समय में ब्रोकर हाउस अपने सब ब्रोकरों के साथ 1000-1,500 करोड़ रुपये बकाया रख सकते थे।

अब इसे रोक दिया गया है। क्लाइंट को लेन देन पर तत्काल कैश या फिर चैक के जरिए तत्काल भुगतान करना होता है।

First Published : November 25, 2008 | 9:24 PM IST