मॉनसून सत्र में नया चलन दिखेगा संसद में

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 3:25 AM IST

वह बीते दिनों की बात हो गई जब संसद सदस्य विरोध जताते हुए सदन में अध्यक्ष या सभापति के आसन तक चले आते थे। वे पोस्टर लहराते और नारे लगाते हुए अक्सर सदन की प्रक्रिया को बाधित किया करते थे।
संसद के दोनों सदनों में मॉनसून सत्र अगस्त के तीसरे सप्ताह में शुरू हो सकता है। वैश्विक महामारी के कारण सदनों में बैठक व्यवस्था इतनी जटिल होगी कि सदस्यों के लिए अध्यक्ष या सभापति के आसन के सामने पहुंचकर गतिविधियों को बाधित करना लगभग असंभव होगा। सन 1952 में संसद की पहली बैठक के बाद पहली बार लोकसभा और राज्य सभा के चैंबर और वीथिकाओं का इस्तेमाल सदस्यों के बैठने के लिए किया जाएगा ताकि शारीरिक दूरी का पालन हो सके। राज्य सभा में 60 सदस्य चैंबर में और 51 वीथिकाओं (पहली पंक्ति छोड़कर) में बैठेंगे और शेष 132 लोकसभा के चैंबर में बैठेंगे। दूसरे शब्दों में कहें तो राज्य सभा के सदस्य अपने सदन की बहस लोकसभा की वीथिकाओं में बैठकर करेंगे। राज्य सभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के कार्यालय के मुताबिक चैंबर में 85 इंच की चार बड़ी स्क्रीन और चार वीथिकाओं में 40 इंच आकार की छह स्क्रीन लगाई जा रही हैं ताकि प्रक्रिया सुचारू रूप से देखी जा सके। वीथिकाओं में सभी सीटों पर कंसोल लगाए जाएंगे ताकि सदस्य वहीं से भागीदारी कर सकें। इस बात की जानकारी प्रदर्शित की जाएगी कि राज्य सभा की प्रत्येक वीथिका में किस पार्टी के सदस्य हैं। दृश्य-श्रव्य संकेतों के अबाध प्रसारण के लिए दोनों सदनों में विशेष केबल बिछाई जा रही है।
प्रधानमंत्री, सदन के नेता, नेता प्रतिपक्ष और अन्य दलों के नेताओं के लिए सीटें चिह्नित की जाएंगी। पूर्व प्रधानमंत्रियों और सदन के पूर्व नेताओं मनमोहन सिंह और एच डी देवेगौड़ा के अलावा मंत्री और सदन सदस्यों रामविलास पासवान तथा रामदास आठवले के लिए भी सदन के चैंबर में सीट निर्धारित की जाएगी। अन्य मंत्री सत्ताधारी दल के लिए तय सीटों पर बैठेंगे।
राज्य सभा की वातानुकूलन प्रणाली में पराबैगनी कीटाणुनाशक प्रकाश व्यवस्था की जाएगी ताकि जीवाणु और विषाणु समाप्त किए जा सकें। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि संसद का केंद्रीय कक्ष खुलेगा या नहीं। आमतौर पर बहस से समय निकालकर सांसद तथा अन्य लोग वहां एकत्रित होते हैं। उस कक्ष में दोनों सदनों के सदस्यों के बैठने लायक जगह है।
जानकारी के मुताबिक सांसदों के बैठने के लिए हरसंभव स्थान का इस्तेमाल किया जाएगा। अतीत में कई अवसरों पर संसद ने अपने काम को लेकर जबरदस्त कर्तव्यनिष्ठता दिखाई है। बाधाओं के बावजूद दोनों सदनों ने घंटों की बैठक कर काम निपटाया है। इस बार मॉनसून सत्र में सदस्यों से उसी स्तर के उत्साह की आशा की जा रही है। जबकि प्रवर्तन के लिए पीठासीन अधिकारी भी नहीं होंगे।

First Published : August 16, 2020 | 11:08 PM IST